नई दिल्ली। भारत ने कनाडा के सबसे करीबी सहयोगी अमेरिका से अपनी शिकायतें बताई हैं। कनाडा में चल रही खालिस्तानी चरमपंथी गतिविधियों को लेकर भारत ने अपनी चिंताएं अमेरिका से साझा की है। टू प्लास टू की वार्ता के लिए भारत के दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ बातचीत में भारत ने कई दोपक्षीय मसलों के साथ साथ सुरक्षा मसले पर चर्चा की। चीन के मसले पर भी इस बैठक में चर्चा हुई। दोनों अमेरिकी नेता गुरुवार की रात को भारत के दौरे पर पहुंचे थे।
शुक्रवार को हुई बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने कहा- अमेरिका से कनाडा मुद्दे पर भी बातचीत हुई। हम पहले ही इस मामले में अपना रुख साफ कर चुके हैं। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा- हम सुरक्षा मामले को लेकर चिंतित हैं और अमेरिका हमारी चिंताओं को समझता है। दूसरी ओर अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा- हमने चीन की वजह से मौजूद खतरों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर बातचीत की, लेकिन हमारी बैठक सिर्फ इसी मुद्दे पर केंद्रित नहीं थी। भारत की तरफ से बैठक का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया।
बैठक से पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा- भारत एक वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरने वाला देश है। अमेरिका शांत और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए भारत का समर्थन करता है। बैठक से पहले भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- ब्लिंकेन के दौरे से भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा। बहरहाल, बताया जा रहा है कि शुक्रवार की बैठक में भारत ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं के बारे में अमेरिका को बताया।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमने अपनी चिंताओं को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी पक्ष नई दिल्ली की चिंताओं को समझता है। क्वात्रा ने बिना कसी का नाम लिए कहा- हमारी मुख्य चिंता सुरक्षा को लेकर है और मुझे यकीन है कि आप सभी हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति के, सामने आए वीडियो से अवगत होंगे। उनका इशारा कनाडा में बैठे खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर था, जिसने एक वीडियो में एयर इंडिया की उड़ानों में हमले का दावा करते हुए सिख समुदाय के लोगों से 19 नवंबर से उसके विमान से उड़ान नहीं भरने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि कनाडा के सरे शहर में इस साल जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत की एजंसियों पर आरोप लगाया था। उसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में गंभीर तनाव आ गया। भारत ने अपनी वीजा सेवा रोक दी थी और कनाडा को भारत से राजनयिक कम करने को कहा था। कनाडा ने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। उसके बाद भारत ने कुछ श्रेणी के वीजा की सेवाएं शुरू की हैं।