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नेहरु की गलतियों की सजा कश्मीर को भुगतनी पड़ी: अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान हुए दो ‘बड़े ब्लंडर’ (गलतियों) का खामियाजा जम्मू-कश्मीर को वर्षों तक भुगतना पड़ा।जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए उनका कहना था कि नेहरू की ये दो गलतियां 1947 में आजादी के कुछ समय बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय संघर्ष विराम करना और जम्मू-कश्मीर के मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की थी।

गृह मंत्री ने कहा कि अगर संघर्ष विराम नहीं हुआ होता तो पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) अस्तित्व में नहीं आता।नेहरू के संदर्भ में शाह की टिप्पणियों का विरोध करते हुए कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। अमित शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 में एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे और 2026 तक जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा।गृह मंत्री के जवाब के बाद इन दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।शाह ने जम्मू-कश्मीर के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘दो बड़ी गलतियां नेहरू के कार्यकाल में हुई। नेहरू के समय में जो गलतियां हुई थीं, उसका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा। पहली और सबसे बड़ी गलती वह थी जब जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही संघर्ष विराम कर दिया गया और पीओके का जन्म हुआ। अगर संघर्ष विराम तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता।’’

उनका कहना था कि दूसरा ‘ब्लंडर’ संयुक्त राष्ट्र में भारत के आंतरिक मसले को ले जाने का था। शाह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में नहीं ले जाना चाहिए था, लेकिन अगर ले जाना था तो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर 51 के तहत ले जाना चाहिए था, लेकिन चार्टर 35 के तहत ले जाया गया।’’उनके मुताबिक, ‘‘नेहरू ने खुद माना था कि यह गलती थी, लेकिन मैं मानता हूं कि यह ब्लंडर था।’’ इस बीच बीजू जनता दल के भर्तृहरि ने कहा कि इसके लिए ‘हिमालयन ब्लंडर (विशाल भूल)’ का प्रयोग किया जाता है और गृह मंत्री चाहे तो इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
नेहरू के संदर्भ में शाह की टिप्पणियों कांग्रेस के सदस्यों ने पुरजोर विरोध किया तथा इस दौरान सत्तापक्षा और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

By NI Desk

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