nayaindia mob lynching supreme court मॉब लिंचिंग पर राज्यों से सवाल

मॉब लिंचिंग पर राज्यों से सवाल

farmers protest
farmers protest

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के अलग अलग हिस्सों में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने मंगलवार को विभिन्न राज्य सरकारों से कथित गोरक्षकों और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामलों पर की गई कार्रवाई के बारे में छह सप्ताह में जानकारी देने को कहा। साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को इस मामले में सेलेक्टिव नहीं होने की सलाह भी दी। राजस्थान में कन्हैयालाल दर्जी की हत्या का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे मामले में सेलेक्टिव नहीं होना चाहिए।

जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने एक महिला संगठन की याचिका पर फिर से छह सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला किया। याचिका में अनुरोध किया गया था कि राज्यों को कथित गोरक्षकों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के 2018 के एक फैसले के अनुरूप तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।

अदालत ने कहा कि हमने पाया है कि अधिकतर राज्यों ने मॉब लिंचिंग के उदाहरण पेश करने वाली रिट याचिका पर अपने जवाबी हलफनामे दाखिल नहीं किए हैं। राज्यों से उम्मीद थी कि वे कम से कम इस बात का जवाब दें कि ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की गई है। हम उन राज्यों को छह सप्ताह का समय देते हैं जिन्होंने अपना जवाब अभी तक दाखिल नहीं किया है। गौरतलब है कि सीपीआई से जुड़े संगठन नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन वूमन ने एक याचिका दायर की है। इसी पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस मामले में पिछले साल केंद्र सरकार, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों को नोटिस जारी किए गए थे और याचिका पर उनके जवाब मांगे गए थे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें