नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया है। इसी तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक भाषण के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस जारी किया गया है। चुनाव आयोग अब तक आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं को ही सीधे नोटिस जारी करता है। लेकिन मोदी और राहुल के मामले में आयोग ने एक नया रास्ता बनाया है। उसने कहा है कि ये दोनों स्टार प्रचारक हैं इसलिए इनके मामले में पार्टी के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के भाषणों पर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 77 के तहत नोटिस जारी किया। मोदी भाजपा के और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए चुनाव आयोग ने पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है। आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की और भाजपा ने राहुल गांधी की शिकायत की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति को ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। कांग्रेस ने इस बयान को विभाजनकारी, दुर्भावना से भरा और समुदाय विशेष को निशाना बनाने वाला बताया। प्रधानमंत्री के संपत्ति जब्त करने वाले बयान के खिलाफ कांग्रेस और सीपीएम ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी।
भाजपा की ओर से राहुल की शिकायत की गई थी। बताया गया था कि राहुल ने 12 अप्रैल को केरल की चुनावी सभा में गरीबी बढ़ने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि 22 लोग भारत के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा अमीर हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आती है तो एक झटके में गरीबी खत्म हो जाएगी। भाजपा ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। राहुल गरीबी बढ़ने का झूठा दावा कर रहे हैं।