नई दिल्ली। ‘यूपी के दो लड़के’ एक बार फिर साथ आए हैं। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने बुधवार को गाजियाबाद में साझा प्रेस कांफ्रेंस की और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार दोनों नेता एक साथ आए हैं। इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने तालमेल करके चुनाव लड़ा था और तब राहुल व अखिलेश ने पूरे प्रदेश में साझा प्रचार किया था। बहरहाल, बुधवार की प्रेस कांफ्रेंस में राहुल ने भाजपा को डेढ़ सौ सीट मिलने की भविष्यवाणी की तो राहुल और अखिलेश दोनों ने चुनावी बॉन्ड को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
राहुल गांधी ने कहा- प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम देश की सबसे बड़ी एक्सटॉर्शन स्कीम है। चुनावी बॉन्ड को लेकर अखिलेश यादव ने भी हमला किया और कहा कि भाजपा का नैतिकता का मुखौटा उतर गया है। राहुल ने भाजपा के चुनाव हारने का दावा करते हुए कहा- मुझे लगता है कि बीजेपी की डेढ़ सौ तक सीटें आएंगी। हर स्टेट से ऐसी रिपोर्ट मिल रही है। भाजपा पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा- भाजपा की हर बात झूठी निकली। वह सिर्फ भ्रष्टाचारियों का गोदाम बनकर रह गई है। भाजपा के होर्डिंग से प्रत्याशी गायब हैं। प्रेस कांफ्रेंस के बाद विपक्षी गठबंधन का गाना भी लॉन्च हुआ।
राहुल गांधी ने कहा- यह विचारधारा का चुनाव है। एक तरफ आरएसएस, बीजेपी संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही। दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर रहा है। चुनाव में तीन बड़े मुद्दे हैं। बेरोजगारी, महंगाई, भागीदारी। उन्होंने कहा- कभी प्रधानमंत्री समुद्र के नीचे चले जाते हैं, कभी आसमान में सी प्लेन पर चले जाते हैं। मगर मुद्दों पर न प्रधानमंत्री बात करते हैं और न बीजेपी।
चुनावी बॉन्ड को वसूली का रैकेट बताते हुए राहुल ने कहा- कुछ दिन पहले पीएम ने एक समाचार एजेंसी को लंबा इंटरव्यू दिया। वह स्क्रिप्टेड था, फ्लॉप शो था। पीएम ने उस इंटरव्यू में इलेक्टोरल बॉन्ड समझाने की कोशिश की। वे कहते हैं कि ये सिस्टम ट्रांसपेरेंसी के लिए लाया गया है। राजनीति को साफ करने के लिए लाया गया है। अगर ये सच है तो उस सिस्टम को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द क्यों किया? राहुल ने यह भी पूछा कि अगर आप ट्रांसपेरेंसी लाना चाहते, तो जिन्होंने बीजेपी को हजारों करोड़ दिया, उनका नाम आपने क्यों छुपाया?
राहुल गांधी ने कहा- चंदा देने की तारीखें भी छिपाईं। पता चलता है कि हजारों करोड़ का ठेका किसी कंपनी को मिलता है, उसके तुरंत बाद वो कंपनी बीजेपी को चंदा देती है। सीबीआई, ईडी की कार्रवाई शुरू होते ही कंपनी बीजेपी को करोड़ों रुपए देती है। उसके बाद ये कार्रवाई बंद हो जाती है। सड़क पर इसको एक्सटॉर्शन कहते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम देश की सबसे बड़ी एक्सटॉर्शन स्कीम है। युवाओं को रोजगार का वादा करते हुए उन्होंने कहा- 30 लाख सरकारी रोजगार हैं, जो नरेंद्र मोदी नहीं भर रहे हैं। वो वैकेंसी हम युवाओं को देने जा रहे हैं।