नई दिल्ली। पिछले 10 दिन में सुप्रीम कोर्ट ने तीसरी बार भारतीय स्टेट बैंक को कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च अदालत ने देश के सबसे बड़े बैंक को आदेश दिया है कि वह 21 मार्च तक चुनावी बॉन्ड से जुड़ा समूचा ब्योरा दे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 21 मार्च को शाम पांच बजे तक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन निजी तौर पर एक हलफनामा देकर अदालत को बताएं कि उन्होंने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी कोई जानकारी छिपाई नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को बैंक से कहा था कि वह 18 मार्च तक बताए कि उसने पूरी जानकारी क्यों नहीं दी है। उससे पहले 11 मार्च को अदालत ने बैंक को फटकार लगाई थी और 12 मार्च की शाम तक चुनावी बॉन्ड का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड्स की जानकारी तो साझा कर दी थी लेकिन बॉन्ड्स के यूनिक कोड्स का खुलासा नहीं किया था। उसने दो सेट्स में ब्योरा दिया था, जिसमें एक में बॉन्ड खरीदने की तारीख और उसे खरीदने वाले का नाम बताया था और दूसरे में बॉन्ड को कैश कराने वाली पार्टी का नाम बताया था। लेकिन बॉन्ड के यूनिक नंबर का खुलासा नहीं करने से यह पता नहीं चल सकता है कि किस नंबर का बॉन्ड किस पार्टी ने कैश कराया। अदालत ने वह नंबर 21 मार्च तक बताने को कहा है।
सर्वोच्च अदालत ने सिर्फ यूनिक नंबर नहीं, बल्कि यह कहा कि चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी जितनी भी जानकारी भारतीय स्टेट बैंक के पास है वह दे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान बेंच ने कहा कि एसबीआई जानकारियों का खुलासा करते वक्त सिलेक्टिव नहीं हो सकता। चीफ जस्टिस ने कहा- इसके लिए आप हमारे आदेश का इंतजार न करें। एसबीआई चाहती है हम ही उसे बताएं किसका खुलासा करना है, तब वे बताएंगे। ये रवैया सही नहीं है। स्टेट बैंक की ओर से यूनिक नंबर्स का खुलासा होने के बाद पक्के तौर पर पता चल पाएगा कि किस कारोबारी का खरीदा गया बॉन्ड किस पार्टी के खाते में जमा हुआ है।
स्टेट बैंक की ओर से 12 मार्च को दिए गए ब्योरे में बॉन्ड के यूनिक नंबर्स नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को स्टेट बैंक को नोटिस देकर 18 मार्च तक जवाब मांगा था। 18 मार्च या सोमवार को इस पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा- हमने कहा था कि सारी डिटेल्स सामने लाइए। इसमें बॉन्ड नंबर्स की भी बात थी। इन जानकारियों का खुलासा करने में एसबीआई सिलेक्टिव ना रहे। हमारे आदेशों का इंतजार ना करें, हमें उम्मीद है कि स्टेट बैंक कोर्ट के साथ ईमानदार रहेगा।
चीफ जस्टिस की बेंच ने सोमवार को कहा- आपके पास चुनावी बॉन्ड की जो भी जानकारी हो, उसे सामने लाइए। स्टेट बैंक चाहता है कि हम उसे बताएं कि किन जानकारियों का खुलासा करना है और वो जानकारी दे देंगे। स्टेट बैंक के रवैये से तो यही लग रहा है। ये उचित नहीं है। अदालत ने कहा- जब हमने कहा सारी डिटेल्स तो इसमें सभी डेटा शामिल है। स्टेट बैंक के चेयरमैन 21 मार्च शाम पांच बजे तक एक हलफनामा दाखिल करें और हमें बताएं कि आपने कोई जानकारी नहीं छिपाई है।