नई दिल्ली। अडानी समूह पर आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों की जांच के लिए नई कमेटी बनाने की मांग करने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई विशेषज्ञों की कमेटी पर सवाल उठाया गया है और नई कमेटी बनाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत की बनाई विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है।
बहरहाल, याचिकाकर्ता अनामिका जायसवाल ने अपने वकील रमेश कुमार मिश्रा के जरिए यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कमेटी में ऐसे लोगों को शामिल किया जाए, जिनकी छवि बेदाग हो और जिनका अडानी-हिंडनबर्ग मामले से किसी भी तरह से कोई लेना-देना न हो। इसमें कहा गया है कि वित्त, कानून और शेयर बाजार से जुड़े विशेषज्ञों को भी कमेटी में शामिल किया जाए। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले महीने सुनवाई कर सकता है।
गौरतलब है कि 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अपने शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए हेरा-फेरी के आरोप लगाए गए थे। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इनमें से तीन सदस्यों- ओपी भट्ट, केवी कामथ और सोमशेखर सुंदरेसन के कमेटी में शामिल होने पर नई याचिका में सवाल उठाए गए हैं।
याचिका में कहा गया है कि इन सदस्यों के समिति में शामिल होने से हितों का टकराव हो रहा है। ओपी भट रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड कंपनी ग्रीनको के चेयरमैन हैं। बताया गया है कि ग्रीनको और अडानी समूह में कामकाज को लेकर साझेदारी है। इसी तरह याचिका में कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक की एमडी रहीं चंदा कोचर से जुड़े फ्रॉड केस में सीबीआई की एफआईआर में केवी कामथ का भी नाम है। गौरतलब है कि केवी कामथ 1996 से 2009 तक आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन थे।