नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता सहित तीन आपराधिक कानूनों के खिलाफ दायर याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। याचिका में तीनों आपराधिक कानूनों की जांच और लागू होने के बाद सही ढंग से काम करने की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये बिल संसद में बिना बहस के पास कर दिए गए। उस वक्त ज्यादातर विपक्षी सांसद निलंबित थे।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की अवकाशकालीन बेंच ने सोमवार को कहा कि ये कानून अब तक लागू नहीं हुए हैं। अपील करने में भी लापरवाही हुई है। अगर इस पर ज्यादा बहस की जाती तो याचिका को जुर्माने के साथ खारिज किया जाता। बेंच के आदेश के बाद याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी ने कोर्ट से याचिका वापस लेने की परमिशन मांगी।