हैदराबाद। तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों के लिए लम्बे समय तक चला हाई वोल्टेज प्रचार मंगलवार की शाम को थम गया। सभी सीटों के लिए 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और तीन दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। राज्य में सीधा मुकाबला सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस के बीच है। भाजपा ने मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने के लिए जी-तोड़ प्रयास किया। प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले यानी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिन का तलंगाना दौरा खत्म हुआ था। वे लगातार तीन दिन तेलंगाना में रहे थे और प्रचार किया था।
मंगलवार को आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। इन तीनों नेताओं की साझा रैली भी हुई। गौरतलब है कि तेलंगाना का चुनाव अभियान मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तुलना में काफी लम्बा रहा। इन चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। इससे पहले चुनाव आयोग ने नौ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी, जिसके बाद राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी।
बहरहाल, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जी जान लगा रही है। भारतीय जनता पार्टी राज्य में चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश में है। बीआरएस प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, उनके बेटे केटी रामा राव, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार सहित 2,290 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मुख्यमंत्री केसीआर कामारेड्डी और गजवेल से अपनी किस्मत आजमा रहे है तो रेवंत रेड्डी कोडंगल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने अपने विधायक एटाला राजेंद्र को हुजूराबाद के अलावा गजवेल से मैदान में उतारा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सोमवार को हैदराबाद में रोड शो किया और कई जनसभाओं को संबोधित किया। प्रचार के आखिरी दिन मंगलवार को राहुल गांधी ने ऑटो ड्राइवर, ऑनलाइन डिलीवरी काम करने वाले कर्मचारियों और सफाईकर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने ऑटो की सवारी भी की।