• गठबंधन से बसपा को फायदा होता है

    कुछ दिन पहले बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी कोई गठबंधन नहीं करेंगी क्योंकि तालमेल करके चुनाव लड़ने पर बसपा का वोट तो सहयोगी पार्टियों को मिल जाता है लेकिन सहयोगी पार्टियों का वोट बसपा को नहीं मिलता है। यह बात तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि बसपा ने जब भी तालमेल किया है तब उनकी पार्टी को फायदा हुआ है। कई बार तो उनकी पार्टी का वोट सहयोगी पार्टी को ट्रांसफर नहीं हुआ और सहयोगी पार्टियों का वोट उनको मिल गया। ऐसा पिछले लोकसभा चुनाव में ही हुआ, जब वे समाजवादी पार्टी से...

  • अकाली-भाजपा साथ नहीं हुए तो क्या होगा?

    पंजाब की राजनीति में स्पष्टता नहीं आ रही है। पिछले दिनों अकाली दल के नेता सुखबीर बादल की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी और तब यह चर्चा शुरू हुई थी कि दोनों पार्टियों में तालमेल हो सकता है। हालांकि वह मुलाकात कनाडा में खालिस्तानी अलागवादियों के खिलाफ कार्रवाई, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और कनाडा से कूटनीतिक संबंधों में आए तनाव को लेकर थी। इस मुलाकात से पहले से ही माना जा रहा था कि कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए कैप्टेन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ सीटों के बारे में बात कर रहे...

  • वाईएसआर शर्मिला का मामला क्यों अटका है?

    तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी समय हो सकती है। नवंबर में पांच राज्यों के चुनाव होने हैं और चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले हफ्ते या दूसरे हफ्ते में चुनाव की घोषणा कर सकता है। लेकिन अभी तक कांग्रेस ने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की नेता वाईएसआर शर्मिला से तालमेल की बात नहीं कर पाई है। कुछ समय पहले शर्मिला दिल्ली आई थीं और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मिली थीं। सोनिया गांधी ने गले लगा कर उनका स्वागत किया था। तब कहा जा रहा था कि सारी बातें तय हो गईं हैं। ध्यान रहे शर्मिला के पिता दिवंगत...

  • भाजपा में महिला उम्मीदवार कहां?

    भारतीय जनता पार्टी ने दो चुनावी राज्यों, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए कुछ उम्मीदवारों की घोषणा की है। मध्य प्रदेश में जो सूची जारी हुई, जिसमें 78 उम्मीदवारों के नाम थे। बाद में एक नाम की तीसरी सूची जारी हुई। इस तरह कुल 79 उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। उधर छत्तीसगढ़ में पार्टी ने 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। दोनों राज्यों में अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है लेकिन भाजपा ने उम्मीदवारों का ऐलान शुरू कर दिया है। उम्मीदवारों की पहली सूची महिला आरक्षण बिल पास होने से पहले आई थी और मध्य प्रदेश की दूसरी...

  • भाजपा ने उतार दिए सारे सीएम दावेदार

    भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में कमाल किया है। वैसे यह कमाल पहले त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में भी भाजपा कर चुकी है लेकिन वे दोनों भाजपा के कोर स्टेट नहीं हैं। मध्य प्रदेश भाजपा का गढ़ है और गुजरात के बाद दूसरा राज्य है, जहां बहुसंख्यक मतदाता सहज भाव से भाजपा को अपना मानते हैं। वहां राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने भी बहुत काम किया है। तभी वहां के विधानसभा चुनाव में इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को चुनाव में उतारना बड़ी बात है। इतना ही नहीं तीन केंद्रीय मंत्री भी चुनाव लड़ रहे हैं और कहा जा सकता है...

  • ज्योतिरादित्य सिंधिया भी लड़ेंगे विधानसभा चुनाव!

    अब सबकी नजर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों- नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दिया है। इनमें से तोमर और पटेल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। अगर भाजपा सवर्ण नेता को सीएम बनाने का फैसला करती है तो तोमर दावेदार हैं और शिवराज सिंह चौहान की जगह ओबीसी नेता के तौर पर प्रहलाद पटेल का नाम है। तभी सवाल है कि क्या भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी टिकट देगी? यह सवाल इसलिए है क्योंकि हाल के दिन तक कहा जा रहा था...

  • भाजपा का दांव कितना सही है?

    भारतीय जनता पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ साथ सात सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में उतारा है। अभी तक सिर्फ 78 नामों की घोषणा हुई है, जिनमें सात सांसद हैं। बची हुई 152 सीटों की घोषणा में कुछ और सांसदों के नाम शामिल हो सकते हैं। सवाल है कि भाजपा का यह दांव कितना सही है? इससे भाजपा को फायदा होगा या अंदरूनी टकराव बढ़ेगा, जिसका पार्टी को नुकसान हो सकता है? निश्चित रूप से टिकट देने से पहले पार्टी नेताओं ने इस बारे में सोचा होगा। लेकिन इससे यह तथ्य नहीं बदल जाएगा कि राजनीति...

  • सांसदों को विधायकी लड़ाना कितना उचित?

    यह बड़ा सवाल है और राजनीति में शुचिता की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी से जरूर पूछा जाना चाहिए कि हर विधानसभा चुनाव में सांसदों को मैदान में उतारना और चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सीट से उनका इस्तीफा कराना कहां तक उचित है? क्योंकि हर इस्तीफे के बाद उपचुनाव कराना होता है। फिर उस क्षेत्र में आचार संहिता लगती है, कामकाज प्रभावित होता है, सरकार का खर्च होता है, चुनाव आयोग का खर्च होता है आखिर ऐसा करना क्यों जरूरी है? चुनाव जीतने के लिए क्या इस बात की इजाजत दी जा सकती है कि सांसदों और...

  • कांग्रेस के बिना हरियाणा में ‘इंडिया’ की रैली

    इंडियन नेशनल लोकदल को अभी आधिकारिक रूप से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ नहीं शामिल किया गया है क्योंकि कांग्रेस विरोध कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने इसका विरोध किया है। तभी इनेलो के संस्थापक चौधरी देवीलाल की 110वीं जयंती के मौके पर पार्टी की ओर से कैथल में आयोजित रैली में कांग्रेस के नेता नहीं गए। रैली का आयोजन कर रहे ओमप्रकाश चौटाला परिवार की ओर से सोनिया और राहुल गांधी दोनों को न्योता भेजा गया था। लेकिन न तो पार्टी का कोई केंद्रीय नेता रैली में गया और न प्रदेश का...

  • विपक्ष को मुकदमों से मुक्ति नहीं

    अगले साल के लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस दिन कहा था कि अब चुनाव में सिर्फ चार सौ दिन बचे हैं उसी दिन से उलटी गिनती चल रही है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि चुनाव की तैयारी सिर्फ भारतीय जनता पार्टी या उसकी सहयोगी पार्टियां कर रही हैं। बाकी विपक्षी पार्टियां चुनाव तैयारियों से ज्यादा मुकदमों से निपटने में लगी हैं। कांग्रेस सहित विपक्ष की ज्यादातर पार्टियों के नेताओं के ऊपर किसी न किसी तरह का मुकदमा पहले चल रहा है या नया मुकदमा दायर किया जा रहा है। बिहार...

  • क्या जेडीएस के विधायक अब सुरक्षित हैं?

    पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस ने भाजपा से तालमेल कर लिया है। इस तालमेल से पहले देवगौड़ा ने कहा था कि वे पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए भाजपा से तालमेल कर रहे हैं। तभी सवाल है कि क्या तालमेल के बाद अब जेडीएस का अस्तित्व सुरक्षित हो गया? असल में अभी ऐसा लग रहा है कि जेडीएस ने तालमेल इसलिए किया है ताकि अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ लड़ कर दो-तीन सीटें पर जीत मिल जाए तो देवगौड़ा परिवार के सदस्यों की राजनीति चलती रहे। लेकिन यह सिर्फ लोकसभा चुनाव में कुछ सीटें जीतने...

  • चुनाव आयोग को ईवीएम का सोर्स कोड पता नहीं!

    कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने सूचना के अधिकार कानून के तहत दिए गए एक आवेदन से मिली जानकारी के हवाले बताया है कि भारत के चुनाव आयोग के पास इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन का सोर्स कोड नहीं है। सोर्स कोड कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की एक भाषा है, जिसका इस्तेमाल करके मशीन को निर्देश दिया जाता है। यानी किसी भी मशीन को कामकाज का निर्देश देने और उसके इस्तेमाल के नियम बनाने के लिए सोर्स कोड का इस्तेमाल होता है। लेकिन चुनाव आयोग के पास ईवीएम का सोर्स कोड नहीं है। यानी जो ईवीएम का मालिक है उसको पता नहीं है कि...

  • कई पार्टियां एक साथ चुनाव के लिए तैयार

    पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के मसले पर विचार के लिए बनी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी पहली बैठक में तय किया कि कमेटी देश की सभी पंजीकृत पार्टियों से राय लेगी और साथ ही विधि आयोग से भी इस बारे में राय मांगेगी। चुनाव आयोग को भी पूरी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। अब सवाल है कि क्या पार्टियां पूरे देश में एक साथ चुनाव के लिए राजी होंगी? देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पहले ही इससे इनकार कर दिया है। कांग्रेस और उसकी कई सहयोगी पार्टियां इस आइडिया...

  • सीट सुरक्षित कर रही है भाजपा

    विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ में नई पार्टियों के जुड़ने की बात पिछले दो महीने से हो रही है लेकिन कोई नई पार्टी नहीं जुड़ रही है। कुछ छोटी पार्टियां जरूर ‘इंडिया’ में शामिल होने की कोशिश कर रही हैं लेकिन स्थानीय राजनीति की मजबूरियों की वजह से उनको शामिल नहीं किया जा रहा है। जैसे हरियाणा की इंडियन नेशनल लोकदल या बिहार की जन अधिकार पार्टी का नाम लिया जा सकता है। लेकिन दूसरी ओर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का कुनबा बढ़ रहा है। उसके साथ नई पार्टियां जुड़ रही हैं। दिल्ली में एनडीए की 38 पार्टियों की...

  • विपक्ष में सीट बंटवारा अभी रूका रहेगा

    विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने अभी तय नहीं किया है कि अगली बैठक कब होगी। मुंबई की बैठक के बाद खबर आई थी कि अगली बैठक दिल्ली में होगी लेकिन बैठक कब होगी इस बारे में कोई खबर नहीं है। 13 सितंबर को शरद पवार के घर पर हुई समन्वय समिति की बैठक में इस बारे में चर्चा होने की कोई खबर नहीं है। उस बैठक में सीट बंटवारे को लेकर  चर्चा हुई लेकिन बताया जा रहा है कि वह काम भी अभी रूका रहेगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी अभी सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए तैयार नहीं है। असल...

  • विपक्षी गठबंधन की पहली रैली नागपुर में

    विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की पहली रैली महाराष्ट्र के नागपुर में हो सकती है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से भोपाल में प्रस्तावित रैली रद्द करने के बाद सहयोगी पार्टियां काफी निराश थीं। उनको कांग्रेस से नाराजगी भी थी क्योंकि कांग्रेस ने एकतरफा तरीके से रैली रद्द की थी। फिर भी पार्टियों ने रैली के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में नागपुर को इसके लिए सबसे अच्छी जगह माना जा रहा है। ध्यान रहे महाराष्ट्र में तीन पार्टियों का मजबूत गठबंधन है। कांग्रेस के साथ शिव...

  • इनेलो से तालमेल नहीं चाहते कांग्रेस नेता

    कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी में से कोई भी इनेलो की 25 सितंबर को होने वाली रैली में नहीं जाएंगे। कांग्रेस ने ऐसा लग रहा है कि ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो से तालमेल का इरादा छोड़ दिया है। हालांकि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेता केसी त्यागी ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। वे अब भी इनेलो को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल कराना चाहते हैं। उनकी कोशिश मुंबई में हुई बैठक में भी इसके नेताओं को ले जाने की थी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस उनकी कोशिश नहीं रोक रही है लेकिन कांग्रेस ने अपनी प्रदेश...

  • कंगना रनौत भाजपा की टिकट पर लड़ेंगी!

    भाजपा महिला सशक्तिकरण के तौर पर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को पेश कर रही है। नए संसद भवन की पहली कार्यवाही में जब महिला आरक्षण बिल पेश होना था तब कंगना रनौत को संसद में बुलाया गया था। संसद परिसर में भाजपा के सांसदों और नेताओं ने उनके साथ तस्वीर खिंचवाई। बताया जा रहा है कि कंगना ने एक मूवी माफिया का हौव्वा खड़ा किया और अपने को उससे लड़ने वाले योद्धा के तौर पर पेश किया। सोशल मीडिया के जरिए ऐसा मैसेज बना, जैसे मुस्लिम अभिनेता, निर्देशक, निर्माता आदि दुबई से गाइड होते हैं और कंगना उनसे लड़ रही...

  • विपक्ष की योजना में केरल, बंगाल का पेंच

    जिस बात की आशंका पहले से जताई जा रही थी वह अब सामने आने लगी है। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ में सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के नेता लगातार भाग ले रहे थे लेकिन पहले दिन से माना जा रहा था कि दोनों के बीच तालमेल की संभावना न्यूनतम है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं कि दोनों पार्टियां एक दूसरे की धुर विरोधी हैं या ममता बनर्जी की पार्टी ने पश्चिम बंगाल में लेफ्ट मोर्चे का तीन दशक से ज्यादा पुराना शासन खत्म किया, बल्कि इसके रणनीतिक कारण हैं। इसी तरह पहले से यह आशंका जताई जा रही थी कि...

  • सीट बंटवारा सबसे बड़ा सिरदर्द

    कांग्रेस कार्य समिति की हैदराबाद में हुई बैठक से एक बार फिर यह जाहिर हुआ है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर सीट बंटवारा सबसे बड़ी समस्या है। दो दिन की कार्य समिति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस पर विचार किया। हर राज्य की प्रदेश ईकाई के नेताओं की अपनी अपनी समस्या थी। एक बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस सिद्धांत रूप से तालमेल करके लड़ने को राजी है। लेकिन तालमेल तो राज्यों के स्तर पर ही होगा और उसके लिए प्रदेश नेताओं की राय जरूरी है। प्रदेश के नेताओं ने कार्य समिति में खुल कर अपनी राय...

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