झारखंड में विधानसभा का चुनाव पिछली बार दिसंबर में हुआ था। चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर 2019 को आए थे और 28 दिसंबर को नई सरकार का गठन हुआ था। राज्य की विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी तक है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार चुनाव आयोग दिसंबर की बजाय पहले ही चुनाव कराना चाहता है। ध्यान रहे पहले तीन राज्यों के चुनाव होने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 30 सितंबर तक जम्मू कश्मीर का चुनाव पूरा कराना है। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल पांच नवंबर तक है तो वहां भी अक्टूबर के अंत तक चुनाव कराना होगा। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 25 नवंबर तक है तो वहां भी चुनाव होना है।
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग इन चारों राज्यों में एक साथ चुनाव कराना चाहता है। तभी झारखंड में चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैँ। चुनाव आयोग की एक टीम दो दिन के दौरे पर रांची पहुंची थी। उसने चुनावी तैयारियों का जायजा लिया। राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा है और नौ अगस्त तक मतदाता सूची में किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत आयोग से करने की तारीख है। 20 अगस्त तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित हो जाएगी। इस टाइमलाइन से भी लग रहा है कि चुनाव आयोग इस बार पहले चुनाव की तैयारी में है। भाजपा के एक बड़े जानकार नेता ने भी अनौपचारिक बातचीत में माना कि उन लोगों को समय से पहले चुनाव का संकेत मिला है।