Wednesday

30-04-2025 Vol 19

पोस्टल बैलट का इतना विवाद क्यों

लोकसभा चुनाव 2024 में ईवीएम और वीवीपैट के बाद अब पोस्टल बैलेट का विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को चुनाव आयोग से मिला और उसने कहा कि पोस्टल बैलेट की गिनती हर हाल में ईवीएम के वोटों की गिनती से पहले होनी चाहिए। उधर आंध्र प्रदेश सरकार पोस्टल बैलेट को लेकर हाई कोर्ट पहुंची है। दिल्ली में चुनाव आयोग से लेकर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट तक पोस्टल बैलेट को लेकर जो विवाद चल रहा है उसका कारण यह है कि चुनाव आयोग ने इस बार नियम बदल दिया है। दोनों जगह विवाद दो बदलावों को लेकर है।

पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की गिनती खत्म होने के बाद ही ईवीएम के वोट गिने जाते थे। यह अनिवार्य था कि पोस्टल बैलेट की गिनती खत्म होती तभी ईवीएम की गिनती होगी। लेकिन अब आयोग ने इस नियम को बदल दिया है। अब पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होगी लेकिन वह समाप्त होने से पहले ही ईवीएम की गिनती शुरू हो सकती है। यानी दोनों गिनती साथ साथ चलती रह सकती है। विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया है। उधर आंध्र प्रदेश सरकार ने एक दूसरे बदलाव का विरोध किया है, जो सिर्फ उसी राज्य के लिए किया गया है। पहले पोस्टल बैलेट की वोटिंग कराने वाले अधिकारी का नाम, उसका पदनाम, उसका दस्तखत और मुहर जरूरी होती थी लेकिन अब सिर्फ अधिकारी के दस्तखत से ही पोस्टल बैलेट को वैध मानने का नियम बनाया गया है।

NI Political Desk

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