देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह एक निर्माणाधीन सुरंग धंसने से फंसे 40 मजदूरों को निकालने का काम बुधवार की देर रात तक जारी रहा। मजदूरों को सुरंग में फंसे 90 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। हालांकि राहत और बचाव कार्य में लगी टीम को उम्मीद है कि सभी मजदूरों को गुरुवार को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। पिछले चार दिन से मजदूरों को एक पाइप के जरिए खाने-पीने की चीजें और ऑक्सीजन दी जा रही है।
असल में 12 नवंबर को दिवाली के दिन सुबह चार बजे एक निर्माणाधीन सुरंग धंस गई थी। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह सुरंग ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा 15 मजदूर झारखंड के हैं। उनके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के भी मजदूर इसमें फंसे हैं।
नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एनएचआईडीसीएल के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी सहित कई एजेंसियों और संगठनों के दो सौ लोगों की टीम पिछले चार दिन से 24 घंटे काम कर रही है। बचाव टीम ने 14 नवंबर को स्टील की तीन फीट मोटी पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक की मदद से करीब 35 इंच की पाइप लुरंग के अंदर डालने की कोशिश की गई। हालांकि इसमें सफलता नहीं मिली।
प्रधानमंत्री कार्यालय से इसकी निगरानी की जा रही है और उसकी सलाह पर सेना को इस काम में शामिल किया गया है। अब सेना अपनी हेवी मशीन से ड्रिलिंग का काम करेगी। राहत टीम का कहना है कि बचाव अभियान के दौरान सुरंग और धंस रही है, जिससे मुश्किल हो रही है। फिर भी सेना की हेवी मशीन की मदद से मजदूरों को सुरंग से निकाला जा सकता है। बताया जा रहा है कि गुरुवार की शाम तक मजदूरों को निकालने का काम पूरा हो जाएगा।