नई दिल्ली। दुनिया भर के देशों पर जैसे को तैसा शुल्क लगाने की डेडलाइन से एक दिन पहले एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत शुल्क कम करेगा। ट्रंप दो अप्रैल से दुनिया भर में जैसे को तैसा टैक्स लगाने वाले हैं।
उससे पहले उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क को काफी हद तक कम करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कई देश अपने शुल्क कम कर देंगे क्योंकि उन्हें पता है कि वे अमेरिका के साथ गलत रहे हैं।
गौरतलब है कि ट्रंप ने पहले भी कहा था कि भारत अपने शुल्क में बहुत कमी करने जा रहा है क्योंकि अमेरिका उनकी पोल खोल रहा है। हालांकि भारत ने तब इस संभावना से इनकार किया था। भारत ने कहा था कि अमेरिका के साथ व्यापार संधि पर बात चल रही है।
हालांकि अभी कोई संधि नहीं हुई है और ट्रंप के शुल्क बढ़ाने का भारत पर बड़ा असर होगा। बहरहाल, ट्रंप ने दो अप्रैल को मुक्ति दिवस यानी लिबरेशन डे का नाम दिया है।
ट्रंप के शुल्क के खिलाफ चीन, जापान, कोरिया एकजुट
दूसरी ओर चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। चीन की सरकारी मीडिया से जुड़े एक सोशल मीडिया अकाउंट की तरफ से एशिया की तीनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं यानी चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के एक होने की जानकारी दी गई है।
कहा गया है कि चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने पांच साल बाद रविवार को आर्थिक चर्चा की। इस चर्चा के दौरान तय किया गया ट्रंप की तरफ से अतिरिक्त शुल्क की घोषणा के बीच तीनों एशियाई देश आपसी व्यापार को बढ़ावा देंगे। इसके अलावा तीनों देशों के व्यापार मंत्रियों ने आपस में मुक्त व्यापार संधि की संभावना भी जताई है।
जहां तक भारत के शुल्क कम करने के ट्रंप के दावे का सवाल है तो भारत पहले ही इसे खारिज कर चुका है। ट्रंप के पिछले दावे के बाद भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संसदीय समिति को बताया था कि भारत ने अमेरिका के साथ शुल्क में कटौती को लेकर कोई वादा नहीं किया है।
विदेश मामलों की संसदीय समिति को जानकारी देते हुए सुनील बर्थवाल ने उस वक्त साफ किया था कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अभी भी जारी है और किसी व्यापार संधि को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
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