ये जो अमेरिका का नजरिया है!
भारत का व्यापार वार्ता में आगे बढ़ना तब तक नामुमकिन है, जब तक भारत सरकार अपनी आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से के हितों की बलि चढ़ाने और अपनी संप्रभुता पर समझौता करने के लिए राजी ना हो जाए। ट्रंप प्रशासन के सामने ऐसा कोई बुनियादी मुद्दा नहीं है, मगर टैरिफ और ट्रेड वॉर के जरिए वह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक शक्ति संतुलन को नया रूप देने की कोशिश कर रही है। फिर भी मुख्य प्रतिद्वंद्वी चीन की चिंता में वह अपना रुख कुछ नरम कर ले, तो उस पर कोई हैरत नहीं होगी। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता...