तेलुगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू को लेकर चौतरफा कंफ्यूजन है। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि उनकी गिरफ्तारी में भाजपा की क्या भूमिका है। कई जानकार मान रहे हैं कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भाजपा के संभावित सहयोगी चंद्रबाबू नायडू पर भाजपा की शह के बगैर हाथ नहीं डाला होगा। ध्यान रहे जगन लगातार भाजपा के संपर्क में रहे हैं और केंद्र में वे हर मुद्दे पर भाजपा की सरकार का साथ देते हैं। हालांकि प्रदेश भाजपा और उसकी सहयोगी जन सेना पार्टी ने नायडू की गिरफ्तारी का विरोध किया है। जन सेना के नेता और तेलुगू फिल्म स्टार पवन कल्याण ने तो विरोध प्रदर्शन भी किया और उनको हिरासत में भी लिया गया। सो, भाजपा की ओर से कंफ्यूजिंग सिग्नल है। यह भी कहा जा रहा है कि नायडू के दबाव में आने से भाजपा को मोलभाव करने में आसानी होगी।
इस बीच देर से ही सही लेकिन विपक्षी पार्टियों के नेता नायडू की गिरफ्तारी के विरोध में उतर आए हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की कई पार्टियों ने नायडू की गिरफ्तारी का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक रिकॉर्डेड वीडियो मैसेज जारी करके इसका विरोध किया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर यादव और नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने भी नायडू की गिरफ्तारी का विरोध किया है। ध्यान रहे कुछ समय पहले नायडू के साथ कांग्रेस की बातचीत चल रही थी। लेकिन पिछले कुछ समय से नायडू और भाजपा नजदीक आए हैं। दोनों के बीच तालमेल की चर्चा हो रही है। इसके बावजूद उनकी गिरफ्तारी हैरान करने वाली है।