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जगन बनाम शर्मिला बनाम चंद्रबाबू

आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव में त्रिकोणात्मक मुकाबला होने की संभावना बन गई है। एक हफ्ते पहले तक कांग्रेस मुकाबले में नहीं दिख रही थी। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा था। टीडीपी के साथ पवन कल्याण की जन सेना पार्टी का तालमेल हो चुका है और भाजपा भी इस गठबंधन में शामिल हो सकती है। हालांकि भाजपा ने अभी तक फैसला नहीं किया है। सो, एक तरफ रेड्डी, ओबीसी और मुस्लिम वोट के साथ जगन की पार्टी है तो दूसरी ओर संभवतः पहली बार कापू और कम्मा दोनों बड़े समुदाय एक साथ आ रहे हैं। ध्यान रहे आंध्र प्रदेश में कापू और कम्मा दो मजबूत समुदाय हैं, जिनमें से चंद्रबाबू नायडू कम्मा और पवन कल्याण कापू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।

लेकिन अब कांग्रेस मुकाबले में है। पिछली बार दो फीसदी से भी कम वोट हासिल करने वाली कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला को प्रदेश अध्यक्ष बना कर मास्टरस्ट्रोक चला है। वाईएस शर्मिला मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। वे भी रेड्डी समुदाय की हैं और अब उनके साथ कांग्रेस का संगठन और ताकत है। राज्य के लोगों में उनके प्रति सहानुभूति भी होगी क्योंकि जिस समय जगन संघर्ष कर रहे थे और जेल में थे उस समय शर्मिला ने पूरे प्रदेश में पदयात्रा की थी। शर्मिला और उनकी मां ने जगन के लिए राजनीतिक जमीन तैयार की थी। सरकार बनने के बाद शर्मिला का परिवार पूरी तरह से अलग कर दिया गया। अब वे कह रही हैं कि उनके पिता का सपना था कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। ध्यान रहे राज्य के बंटवारे के लिए भले कांग्रेस से नाराजगी हो लेकिन कांग्रेस के प्रति आंध्र प्रदेश में हमेशा एक सहानुभूति भी रही है और अगर शर्मिला अपने दिवंगत पिता का नाम लेकर प्रचार में उतरती हैं तो वे कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा कर सकती हैं।

By NI Political Desk

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