असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी को गिरफ्तार करेंगे। सोचें, राहुल गांधी ने अगर कोई अपराध आज किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई चार महीने बाद क्यों होगी? आपराधिक मामले में कार्रवाई निलंबित करने की बात पहली बार सुनी जा रही है। अदालतें कई बार सजा निलंबित करती हैं लेकिन असम सरकार एक कदम आगे बढ़ कर कार्रवाई निलंबित कर रही है! खुद हिमंता सरमा ने ट्विट करके बताया कि उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा है। उनके आदेश पर राहुल सहित कई बड़े नेताओं के खिलाफ भीड़ को उकसाने और सरकारी काम में बाधा डालने जैसे मुकदमे दर्ज हो गए।
लेकिन अब वे कह रहे हैं कि राहुल को लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार करेंगे और तब तक पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करेगी। एफआईआर करने के बाद पुलिस गिरफ्तारी पहले करती है और जांच बाद में। एक अन्य मामले में हिमंता की पुलिस एफआईआर दर्ज करने के 24 घंटे के भीतर दिल्ली पहुंच गई थी कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गिरफ्तार करने। लेकिन राहुल के मामले में चार महीने का समय चाहिए! ऐसा लग रहा है कि पार्टी के ऊपर से निर्देश के बाद हिमंता पीछे हटे हैं। उन्होंने राहुल यात्रा का रूट बदलने, मंदिर जाने से रोकने और बयानबाजी करके यात्रा पर फोकस बनवा दिया। मीडिया में उसकी कवरेज बढ़ गई। यात्रा में भीड़ जुटने लगी। तभी उनको कहा गया कि अभी गिरफ्तारी की कोशिश हुई तो देश भर का फोकस उस पर हो जाएगा और अयोध्या का मामला ठंड़ा पड़ जाएगा। तभी हिमंता ने किसी तरह मामले से पीछे छुड़ाया है।