तीन राज्यों में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने अभी तक पूरी सरकार नहीं बनाई है। नतीजों के 25 दिन बीत जाने के बाद भी कहीं पूरी कैबिनेट का गठन नहीं हुआ है तो कहीं मंत्रियों की शपथ हो गई तो विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। पहले तो भाजपा ने मुख्यमंत्री चुनने में ही 10 दिन का समय लिया। नतीजों के बाद तीनों राज्यों में एक हफ्ते से ज्यादा कार्यवाहक मुख्यमंत्री काम करते रहे। उसके बाद तीनों मुख्यमंत्रियों की शपथ हुई और उनके साथ दो दो उप मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली तो मंत्रियों की नियुक्ति अटक गई। मंत्रियों के शपथ के एक हफ्ते से ज्यादा समय बाद छत्तीसगढ़ और फिर मध्य प्रदेश में मंत्रियों की नियुक्ति हुई।
छत्तीसगढ़ में नौ और मध्य प्रदेश में 28 मंत्रियों की नियुक्ति हो गई है लेकिन अभी विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। राजस्थान में तो अभी तक तीन सदस्यों का मंत्रिमंडल ही काम कर रहा है। इससे पहले भी जब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ भाजपा ने सरकार बनाई तो एक महीने तक दो ही लोगों का मंत्रिमंडल काम करता रहा। बाद में चुनिंदा मंत्री बनाए गए। फिर एक साल के बाद जब एनसीपी का अजित पवार गुट शामिल हुआ तो उनके आठ लोगों को मंत्री बनाया गया और कोई दस दिन तक विभागों का बंटवारा अटका रहा। पहले शपथ के साथ ही विभागों का बंटवारा हो जाता था और मंत्री अपने विभागों में कामकाज संभाल लेते थे। लेकिन भाजपा ने अब नया मॉडल बनाया है, जिसमें हफ्तों, महीनों तक मंत्रिमंडल नहीं बनता है और विभाग नहीं बंटते हैं।