कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं और फिर उनकी एक राज्य सरकार ने अडानी समूह के साथ समझौता किया है। इस बार तेलंगाना की नई बनी सरकार ने समझौता किया है। पहली बार जब राहुल यात्रा पर निकले थे तब राजस्थान की सरकार ने समझौता किया था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। पांच महीने तक चलने वाली यात्रा के जिस दिन एक महीने पूरे हुए थे और यात्रा दक्षिण भारत में ऐसे इलाके में थी, जहां से कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें हैं उसी दिन यानी सात अक्टूबर को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अडानी समूह के साथ समझौता किया। अडानी समूह ने राजस्थान में 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश का समझौता किया।
गहलोत सरकार के समझौता करने का नतीजा यह हुआ कि राहुल गांधी पूरी यात्रा में रक्षात्मक रहे और अडानी समूह को निशाना बनाने में हिचकते रहे। इस बार वे भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं और यात्रा शुरू होने को पांच दिन के भीतर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी समूह के साथ साढ़े 12 हजार करोड़ रुपए के निवेश का समझौता किया है। पहले गौतम अडानी के बेटे से हैदराबाद में मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई और उसके बाद दावोस के विश्व आर्थिक मंच की बैठक में गौतम अडानी के साथ समझौता हुआ। इस बीच राहुल ने अब उद्योगपतियों खास कर अडानी का नाम लेना बंद कर दिया है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में कहा कि देश कुछ खास उद्योगपतियों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार काम करती है।