nayaindia winter capital tamilnadu तमिलनाडु को सर्दियों की राजधानी बनाने का सुझाव

तमिलनाडु को सर्दियों की राजधानी बनाने का सुझाव

अंग्रेजों के जमाने में दो राजधानी हुई करती थी। सर्दियों में सरकार शिमला चली जाती थीं। वहां से देश का शासन चलता था। उस समय राज्यों में भी दो राजधानी होती थी। बिहार में सर्दियों की राजधानी रांची शिफ्ट हो जाती थी। आज भी कई राज्यों में ऐसा होता है। जम्मू कश्मीर में सर्दियों में सरकार जम्मू से चलती है और बाकी समय राजधानी श्रीनगर में होती है। महाराष्ट्र में विधानसभा का एक सत्र नागपुर में होता है। अब खबर है कि तमिलनाडु को सर्दियों की राजधानी बनाने का सुझाव आया है। हाल ही में पंजाब के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले बनवारी लाल पुरोहित ने इसका सुझाव दिया है। गौरतलब है कि वे करीब चार साल तक तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों चंडीगढ़ में तमिल संगम को संबोधित करते हुए यह सुझाव दिया।

सवाल है कि क्या भारत सरकार इसकी पहल कर सकती है? क्या शीतकालीन राजधानी तमिलनाडु को बनाया जा सकता है या संसद का शीतकालीन सत्र तमिलनाडु में आयोजित करने की व्यवस्था हो सकती है? ध्यान रहे भाजपा इन दिनों तमिलनाडु पर बहुत ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री कई बार काशी-तमिल संगम में शामिल हुए हैं। संसद में सेंगोल स्थापित करके भी प्रधानमंत्री ने तमिल लोगों को भावनात्मक मैसेज दिया था। राजनीतिक स्तर पर भी तमिलनाडु में भाजपा को स्थापित करने के प्रयास हो रहे हैं। ऊपर से इन दिनों उत्तर-दक्षिण का विभाजन भी बढ़ रहा है। ऐसें में अगर सरकार ऐसी कोई पहल करती है तो दक्षिण की राजनीति पर उसका असर हो सकता है।

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