खबर आई है कि दिल्ली पीडब्लुडी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बंगले की साज सज्जा के लिए निकाला गया टेंडर रद्द कर दिया है। यह टेंडर उनको आवंटित दो बंगलों के रेनोवेशन के लिए निकाला गया है। गौरतलब है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री को राजनिवास मार्ग पर अगल बगल के दो बंगले आवंटित हुए हैं, जिनमें पिछले दिनों पूजा हुई। मुख्यमंत्री ने एक बंगले को जन सेवा सदन बनाने का ऐलान किया है, जहां उनका कैम्प ऑफिस होगा और दूसरा उनका निवास होगा। वे अभी शालीमार बाग के अपने घर में रहती हैं। नए बंगले की पूजा के समय उप राज्यपाल वीके सक्सेना भी मौजूद थे। सोचें, इतनी योजना के साथ घर की पूजा हुई, दशहरा तक उसमें शिफ्ट करने की योजना बनी और टेंडर रद्द हो गया।
यह हैरान करने वाली बात इसलिए है क्योंकि सोशल मीडिया में भाजपा के अपने लोगों ने ऐसा माहौल बना दिया, जैसे 60 लाख रुपए खर्च करके बंगले का रेनोवेशन कराना कोई अपराध है। कहां अरविंद केजरीवाल ने अपने रहने के लिए बंगले पर 50 करोड़ रुपए खर्च कर दिए और कहां भाजपा की सरकार उसका एक फीसदी भी खर्च करने में डर गई! यह प्रचार शुरू कर दिया कि भाजपा ने केजरीवाल के शीशमहल का प्रचार करके चुनाव लड़ा और खुद मुख्यमंत्री के लिए शीशमहल बना रही है। लेकिन दो बंगले पर 60 लाख का खर्च कुछ भी नहीं है। यह बहुत मामूली रकम है। पहले तो धारणा बनने के डर से भाजपा ने तय किया कि मुख्यमंत्री उस बंगले में नहीं रहेंगी, जो केजरीवाल ने बनवाया और अब दूसरे बंगले का रेनोवेशन भी नहीं कराना है। इससे केजरीवाल के प्रचार और नैरेटिव बनवाने की ताकत का भी अहसास होता है।


