झारखंड के छह राज्यसभा सांसदों में से तीन भाजपा के हैं और एक कांग्रेस का है। दो सांसद झारखंड मुक्ति मोर्चा के हैं। भाजपा ने अपने कोटे की तीन सीटों पर दीपक प्रकाश, आदित्य साहू और समीर उरांव को भेजा है। कांग्रेस ने अपने कोटे की एक सीट पर धीरज साहू को भेजा है। धीरज साहू का परिवार पांच दशक से ज्यादा समय से शराब के कारोबार में है। झारखंड के अलावा ओडिशा और छत्तीसगढ़ में उनका कारोबार है। उनके यहां आयकर विभाग का छापा पड़ा तो तीन सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी बरामद हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यह रकम पांच सौ करोड़ तक जा सकती है। धीरज साहू के बहाने भाजपा के नेता कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमला किया और भाजपा बता रही है कि धीरज साहू कांग्रेस के एटीएम हैं।
इस तरह के आरोप लगने की पर्याप्त वजह इसलिए है क्योंकि कांग्रेस ने धीरज साहू को दो बार लोकसभा की टिकट दी और दोनों बार वे हारे। इसके बावजूद कांग्रेस ने उनको तीन बार राज्यसभा भेजा। उनका तीसरा कार्यकाल अगले साल अप्रैल में खत्म होने वाला है। बताया जाता है कि कांग्रेस का चाहे जो भी प्रभारी रहा हो और दिल्ली में जो भी प्रबंधक रहे हों सबके साथ उनके बड़े नजदीकी संबंध रहे। निजी तौर पर वे किसी नेता के लिए कुछ करते हों तो वह अलग बात है लेकिन प्रदेश में पार्टी के नेताओं को हमेशा उनसे शिकायत रहती है। एक जानकार नेता ने बताया कि कुछ समय पहले धीरज साहू को चंदा देने के लिए कहा गया तो उन्होंने 50 हजार रुपए निकाल कर दिए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने उसमें से पांच सौ रुपए निकाल कर उसकी रसीद थमा दी और बाकी पैसे उनको लौटा दिए।