इन दिनों रोज सुबह प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के छापे की खबरों से हो रही है। बुधवार को सुबह उत्तराखंड सरकार के मंत्री रहे कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के यहां ईडी के छापे से हुई। हरक सिंह रावत पहले भाजपा में थे और 2022 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले वे कांग्रेस में गए थे। करीब दो साल हो जाने के बाद भी उन्होंने भाजपा में वापसी नहीं की थी। इस बीच लोकसभा चुनाव आ गए और बुधवार को ईडी की टीम उनके घर पहुंच गई। दिल्ली से लेकर देहरादून तक उनके और उनसे जुड़े लोगों के परिसरों पर छापे पड़े हैं।
इससे पहले मंगलवार यानी छह जनवरी की सुबह आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद नारायण दास गुप्ता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिन बिभव कुमार के यहां छापेमारी से हुई थी। दिल्ली जल बोर्ड में हुए कथित घोटाले में ईडी ने इन दोनों के अलावा कई और लोगों के यहां छापे मारे। मंगलवार को ईडी एक नेता या एक पार्टी या एक राज्य पर फोकस नहीं रखा था। मंगलवार को ही पश्चिम बंगाल में एक नए मामले में ईडी की छापेमारी हुई। राशन घोटाला, मवेशी तस्करी, शिक्षक भर्ती, कोयला तस्करी आदि के बाद अब ईडी ने मनरेगा में हुए कथित घोटाले में पश्चिम बंगाल में कई जगह छापे मारे।
इससे पहले दो फरवरी को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में 110 करोड़ रुपए के एक कथित घोटाले में ईडी ने कई जगहों पर छापे मारे थे। उससे पहले पिछले महीने तीन जनवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार रहे अभिषेक पिंटू सहित कई लोगों के यहां ईडी ने छापा मारा। झारखंड में खनन और जमीन से जुड़े कथित घोटालों की जांच हो रही है। बिहार में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तो महाराष्ट्र में कथित बैंक घोटाले में ईडी ने कुछ दिन पहले ही छापेमारी की थी।