उत्तर भारत के हिंदी भाषी तीन राज्यों में भाजपा की जीत के बाद जिस बात की आशंका जताई जा रही थी वह सही साबित हो रही है। तीन राज्यों में भाजपा को मिली भारी भरकम जीत के बाद अचानक केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है। बिहार, झारखंड, दिल्ली में विपक्षी पार्टियों के नेताओं को अचानक समन जारी होने लगे हैं। ध्यान रहे इन तीनों राज्यों में भाजपा विरोध सरकार है और अगले लोकसभा चुनाव के लिहाज से तीनों राज्यों में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की एकजुटता से भाजपा को मुश्किल हो सकती है। माना जा रहा है कि इसी वजह से विपक्षी नेताओं के ऊपर केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा कसने लगा है।
अभी एक के बाद एक तीन नेताओं को ईडी ने समन जारी किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को ईडी ने शराब नीति घोटाले में समन जारी करके 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया। उनको दो नवंबर को बुलाया गया था लेकिन केजरीवाल नहीं गए थे। ईडी ने दूसरा समन अब जारी हुआ, जब चुनाव खत्म हो गए और तीन राज्यों में भाजपा जीत गई। हालांकि इस बार भी केजरीवाल ईडी के सामने नहीं गए हैं। केजरीवाल के एक दिन बाद 22 दिसंबर को बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया। उनसे पहले भी पूछताछ हो चुकी है। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में उनको बुलाया गया है। इसी मामले में ईडी ने 27 दिसंबर को लालू प्रसाद को बुलाया है। ईडी ने पहली बार लालू प्रसाद को समन जारी किया है। विपक्षी गठबंधन की बैठक के एक दिन बाद ही लालू और तेजस्वी को समन जारी हुआ।
इससे पहले ईडी ने 12 दिसंबर को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी ने उनको छठी बार समन जारी किया था। हालांकि वे छह समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए। एक दूसरे मामले में वे पिछले साल नवंबर में ईडी के कार्यालय गए थे और उनसे नौ घंटे तक पूछताछ हुई थी। अब कहा जा रहा है कि केंद्रीय एजेंसी उनको बुलाने के लिए वारंट जारी करने की तैयारी में है। एजेंसी वारंट जारी करने के लिए अदालत के पास जा सकती है। इस तरह तीन राज्यों में भाजपा विरोधी पार्टियों की सरकार चला रहे नेताओं के ऊपर शिकंजा कस रहा है।
माना जा रहा है कि तीन राज्यों में मिली जीत से भाजपा तो ताकत मिली है। यह धारणा बनी है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा कारगर साबित हो रहा है। गौरतलब है कि चुनाव के बीच में छत्तीसगढ़ में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की थी और महादेव बेटिंग ऐप के मामले में एक व्यक्ति को पांच करोड़ से ज्यादा की नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। उस व्यक्ति के हवाले से ईडी ने दावा किया था कि महादेव ऐप वालों ने तब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए नकद दिए हैं। भाजपा मान रही है कि इस खुलासे का उसको फायदा हुआ। हालांकि बाद में आरोप लगाने वाला व्यक्ति मुकर गया। तीन राज्यों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिली चुनावी सफलता से उत्साहित भाजपा विपक्षी पार्टियों के खिलाफ इसे रामबाण मान रही है। विपक्ष को भ्रष्ट साबित करने के साथ साथ हिंदुत्व की अंतर्धारा भाजपा के लिए कारगर साबित हो रही है।