बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदल कर एनडीए में चले जाने और भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बन जाने की घटना ने कांग्रेस और विपक्ष को जितनी चिंता में नहीं डाला है उससे ज्यादा चिंता झारखंड के घटनाक्रम से हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सिर पर बैठ कर जिस तरह से ईडी ने उनका इस्तीफा कराया और उसके बाद उनको गिरफ्तार किया उससे विपक्ष के कई नेता बेचैन हुए हैं। खास कर ऐसे नेता, जिनसे ईडी की पूछताछ चल रही है और अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल और हरियाणा से लेकर दिल्ली व महाराष्ट्र तक विपक्षी पार्टियों के नेता चिंता में हैं। सबको गिरफ्तारी की चिंता सता रही है। उनकी चिंता यह है कि अगर भाजपा को लगा कि किसी नेता की वजह से 2024 के चुनाव में नुकसान हो सकता है तो एजेंसी उस नेता को गिरफ्तार करके रास्ते से हटा सकती है।
इस चिंता में सबसे ज्यादा लालू प्रसाद का परिवार है। उनके परिवार के पांच लोगों से ईडी की पूछताछ चल रही है। लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अलावा बेटे तेजस्वी यादव और दो बेटियों, मीसा भारती व हेमा यादव का नाम जमीन के बदले रेलवे में नौकरी से जुड़े कथित घोटाले में शामिल किया गया है। लालू से 29 और तेजस्वी से 30 जनवरी को पूछताछ हुई थी। अब राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव को नौ फरवरी को दिल्ली में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उसी दिन इन तीनों को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में पेश होना है, जहां आरोप तय होंगे। सो, लालू परिवार में चिंता है। लालू प्रसाद या तेजस्वी यादव में से किसी को गिरफ्तार होने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इनके करीबी रहे अमित कत्याल ने केंद्रीय एजेंसी को कुछ जानकारी दी है। कत्याल अभी जेल में बंद हैं। गौरतलब है कि राजद की राजनीति लालू और तेजस्वी ही संभाल रहे हैं।
इसी तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी में चिंता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बहुत परेशान हैं और इस परेशानी में ही वे विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने और उन्हें तोड़ने की साजिश के अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं। वे किसी तरह से यह दिखाना चाहते हैं कि भाजपा उनकी पार्टी तोड़ने और सरकार गिराने के लिए उनको गिरफ्तार करना चाहती है। वे भ्रष्टाचार के नैरेटिव से ध्यान हटाना चाहते हैं, जबकि भाजपा का प्रयास उनको भ्रष्टाचार के आरोप में घर कर उनके कट्टर ईमानदार होने के नैरेटिव को खत्म करने का है। उनकी पार्टी के दो नेता, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में हैं और अगर केजरीवाल जेल चले जाते हैं तो उनकी पार्टी का प्रचार अभियान पटरी से उतर जाएगा। ईडी ने उनको पांचवां समन जारी किया है और दो फरवरी को हाजिर होने के लिए कहा है।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के ऊपर सीधे कोई आरोप नहीं है। लेकिन उनकी पार्टी के आधा दर्जन से ज्यादा बड़े नेता, विधायक और पूर्व मंत्री गिरफ्तार हो चुके हैं। ममता की चिंता भतीजे अभिषेक और उनकी पत्नी व ससुराल के अन्य लोगों की गिरफ्तारी की है। शिक्षक भर्ती व राशन में कथित घोटाला और कोयला तस्करी का मामला चल रहा है। शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेताओं पर भी कार्रवाई हो रही है। पवार की चिंता अपने पोते रोहित पवार को लेकर है, जो परिवार के विवाद में अजित के साथ जाने की बजाय उनके साथ रहे हैं। रोहित से ईडी ने पूछताछ की है और जल्दी ही उनको दोबारा बुलाया जा सकता है।