झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के छठे समन पर भी पूछताछ के लिए नहीं गए। ईडी संथालपरगना में अवैध खनन और रांची में जमीन से जुड़े मामले की जांच कर रही है। एक मामले में पिछले साल हेमंत सोरेन ईडी के सामने पेश हुए थे और करीब नौ घंटे उनसे पूछताछ हुई थी। दूसरे मामले में ईडी ने छह बार समन जारी किया लेकिन हेमंत हाजिर नहीं हुए। पांचवें समन के बाद वे सुप्रीम कोर्ट गए, जहां से उनको हाई कोर्ट जाने को कहा गया और हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी क्योंकि तब तक पांचवें समन की समय बीत चुका था। छठे समन में ईडी ने उनको सिर्फ एक दिन का समय दिया था। सो, वे अदालत में नहीं जा सके। अब सवाल है कि आगे क्या होगा?
क्या उनके खिलाफ वारंट जारी होगा और क्या ईडी उनको गिरफ्तार करेगी? या पहले की तरह उनका मामला आघए भी टलत रहेगा? अभी तक किसी जांच एजेंसी ने पद पर रहते किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार नहीं किया है। लालू प्रसाद ने भी इस्तीफा देकर अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया था। इस्तीफे के बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई थी। हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन ने भी केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था उसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। सो, यह भी सवाल है कि अगर वारंट जारी होता है तो हेमंत क्या करेंगे? क्या वे इस्तीफा देंगे? अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं और पद पर रहते गिरफ्तारी की स्थिति बनती है तो क्या ऐसे माहौल में केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगा सकती है? या जब एजेंसी वारंट के लिए अदालत जाएगी तो अदालत से हेमंत को राहत मिलेगी? तीन राज्यों में भाजपा की चुनावी जीत और झारखंड से राज्यसभा सांसद धीरज साहू के यहां से साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की बरामदगी से भ्रष्टाचार पर फोकस बना है। भाजपा इस स्थिति का लाभ उठाना चाहती है।