झारखंड की अनिश्चितता खत्म नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पार्टी के विधायक सरफराज अहमद से गांडेय विधानसभा सीट खाली कराई है और कहा जा रहा है कि उपचुनाव में वे अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को उस सीट से चुनाव लड़ाएंगे। उससे पहले अगर ईडी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करती है तो कल्पना को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। भाजपा इसे रोकने की जी-तोड़ मेहनत कर रही है। भाजपा ने राज्यपाल को लिखा है कि किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई जाए, जो विधायक न हो। हालांकि कानून इसकी इजाजत देता है कि विधायक बने बगैर कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की शपथ ले सकता है। लेकिन हाई कोर्ट के एक आदेश के हवाले भाजपा कह रही है कि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम बचा है और जरूरी नहीं है कि खाली हुई सीट पर उपचुनाव हो। इसलिए राज्यपाल को किसी गैर विधायक को शपथ नहीं दिलानी चाहिए।
इतना ही नहीं भाजपा के प्रदेश के सबसे बड़े नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा है कि हेमंत सोरेन ने सरफराज अहमद को दो सौ करोड़ रुपए देकर सीट खाली कराई है। अब सवाल है कि क्या भाजपा इस तरह की बातों से कल्पना सोरेन को चुनाव लड़ने या मुख्यमंत्री बनने से रोक देगी? गौरतलब है कि जेएमएम का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग से मिला है और गांडेय सीट पर जल्दी चुनाव कराने को कहा है। यह भी बताया गया है कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है, जबकि सरफराज अहमद ने चार जनवरी को इस्तीफा दे दिया था। इस तरह विधानसभा का कार्यकाल एक साल से ज्यादा बाकी था, जब सीट खाली हुई थी इसलिए तकनीकी रूप से उस सीट पर उपचुनाव कराना होगा। भाजपा तकनीकी रूप से कल्पना सोरेन को रोकने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर जेएमएम तकनीकी के साथ साथ इसे राजनीतिक मसला भी बना रही है। ध्यान रहे कल्पना सोरेन ओडिशा की रहने वाली हैं और संथाल आदिवासी हैं। अगर उनको रोका जाता है तो ओडिशा के संथाल आदिवासियों में भी यह मसला बन सकता है।