तृणमूल कांग्रेस की सांसद रहीं महुआ मोइत्रा की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने के मामले में संसद की आचार समिति की सिफारिश पर उनकी सदस्यता पहले ही खत्म की जा चुकी है और अब लोकपाल ने उनके खिलाफ लगे आरोपों की सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है।
लोकपाल ने सीबीआई को मुकदमा दर्ज करके छह महीने में जांच पूरा करने को कहा है। गौरतलब है कि भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ स्पीकर के पास शिकायत करने के साथ साथ लोकपाल में भी शिकायत की थी। उसी शिकायत पर लोकपाल ने सीबीआई जांच को कहा है।
मुश्किल यह है कि इन छह महीनों में तीन महीने चुनाव के हैं। गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा को ममता बनर्जी की पार्टी ने फिर से कृष्णानगर सीट पर उम्मीदवार बनाया है। वे पार्टी की स्टार नेताओं में से एक हैं और भाजपा के खिलाफ उनकी एक पहचान बनी है, जिससे पार्टी के उम्मीदवार चाहते हैं कि वे उनके प्रचार में भी आएं।
इसका मतलब है कि उनको अपना चुनाव लड़ना है और प्रचार भी करना है। लेकिन इसी बीच सीबीआई की जांच चल रही होगी। सीबीआई उनको पूछताछ के लिए बुलाएगी। गिरफ्तारी के बारे में तो अभी नहीं कहा जा सकता है लेकिन पूछताछ के समन से भी कम परेशानी नहीं होगी। चूंकि जांच छह महीने में पूरी होनी है इसलिए वे समन की अनदेखी भी नहीं कर सकती हैं।