delhi railway station stampede : ऐसा लग रहा है कि भारत में एक नया प्रोटोकॉल विकसित हो रहा है। इसके तहत देश में कहीं भी कोई दुर्घटना होगी तो उसे तब तक स्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक प्रधानमंत्री उसकी पुष्टि नहीं कर देते हैं।
अगर कहीं हादसा हुआ है और उसमें लोगों की मौत हुई तो लोगों को तब तक मरा हुआ नहीं माना जाएगा, जब तक प्रधानमंत्री सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अपने अकाउंट पर उनको श्रद्धांजलि नहीं देते हैं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना नहीं जताते हैं।
इसी के साथ एक दूसरा प्रोटोकॉल यह भी दिख रहा है, जिसका विभाग या जो सीधे तौर पर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार होगा (delhi railway station stampede)
वह अंतिम समय तक उसके बारे में या तो झूठ बोलेगा या आधी अधूरी बात करके अपने को बचाने का प्रयास करेगा। यह नए भारत में राजनीति और प्रशासन का नया प्रोटोकॉल है!
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डेढ़ दर्जन लोगों की मौत (delhi railway station stampede)
शनिवार की रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर हुई दुर्घटना और उसके बाद रेल मंत्रालय, रेलवे पुलिस और सरकार की प्रतिक्रिया को देख कर इस प्रोटोकॉल की पुष्टि होती है।
घटना रात 9.55 मिनट पर रिपोर्ट हुई है। इसका मतलब है कि उसके थोड़ी देर पहले या उसी समय हादसा हुआ। (delhi railway station stampede)
उसके लगभग दो घंटे के बाद रात 11.36 बजे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति नियंत्रण में है।
दिल्ली पुलिस और आरपीएफ घटनास्थल पर पहुंच गए हैं, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं ताकि अचानक बड़ी भीड़ को वहां से निकाला जा सके’। (delhi railway station stampede)
हकीकत यह है कि उस समय तक करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी थी और अस्पतालों में शव पहुंचाए जा चुके थे और अस्पतालों ने लोगों के मरने की पुष्टि कर दी थी। तब तक रेल मंत्री घायलों के अस्पताल पहुंचने और स्थिति नियंत्रण में होने की बात कर रहे थे!
भारत का नया प्रोटोकॉल…
अस्पतालों की पुष्टि के आधार पर 11.55 बजे दिल्ली के उप राज्यपाल ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना हुई है, जिसमें कई लोगों की मौत हुई है। (delhi railway station stampede)
उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। लेकिन इसके आधे घंटे बाद 12.24 बजे उन्होंने अपनी पोस्ट को एडिट किया और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बात हुई।
उप राज्यपाल ने लोगों के मरने और संवेदना प्रकट करने वाली बात अपनी पोस्ट से हटा दी। इसके बाद रात 12.56 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया में पोस्ट किया, जिसमें लोगों के मरने की पुष्टि की और उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
इसके बाद अंत में रात को 1.09 मिनट पर रेल मंत्री ने सोशल मीडिया में पोस्ट करके कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोग मरे हैं और तब उन्होंने मरने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
सोचें, अगर प्रधानमंत्री रात 12.56 पर पोस्ट करके घटना की पुष्टि नहीं करते तो क्या रेल मंत्री नहीं मानते कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसा हुआ, जिसमें लोग मरे हैं?
यह भारत में अपनाए जा रहे नए प्रोटोकॉल की दूसरी मिसाल है। इससे पहले प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या की रात को भगदड़ मची और बड़ी संख्या में लोग मर गए। (delhi railway station stampede)
घटना के करीब 12 घंटे के बाद प्रधानमंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि और परिजनों के प्रति संवेदन जताई और उसके करीब छह घंटे बाद राज्य के मुख्यमंत्री ने इसकी पुष्टि की। उससे पहले तक लोगों के घायल होने की ही बात कही जा रही थी।