बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेताओं की जितनी नाराजगी लालू प्रसाद की पार्टी राजद से है उससे ज्यादा नाराजगी कांग्रेस से दिख रही है। जब वे राजद के साथ थे और तालमेल खत्म की बात नहीं शुरू हुई थी तब भी उन्होंने कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने लालू प्रसाद से कहा था कि कांग्रेस को छोड़ते हैं और आपस में सीटें बांट लेते हैं। उन्होंने कांग्रेस को राज्यसभा सीट देने से भी मना किया था। अब जबकि तालमेल खत्म हो गया है तब भी नीतीश के साथ साथ उनकी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। ललन सिंह तो यहां तक कह गए कि राहुल गांधी पप्पू थे और पप्पू ही रहेंगे।
सवाल है कि नीतीश और उनकी पार्टी की कांग्रेस से ऐसी क्या नाराजगी है? जानकार नेताओं का कहना है कि पिछले अगस्त 2022 में जब नीतीश ने गठबंधन बदला था और राजद व कांग्रेस के साथ आए थे तभी कांग्रेस ने उनको लेकर राजद को आगाह किया था। नीतीश को इस बात की सूचना मिल गई थी कांग्रेस ने राजद से कहा है कि नीतीश पर भरोसा नहीं करना है। तभी नीतीश ने कांग्रेस को मंत्रिमंडल में पूरा प्रतिनिधित्व नहीं दिया। नीतीश को पता है कि इस अविश्वास की वजह से ही कांग्रेस ने उनको विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का संयोजक पद नहीं मिलने दिया। जिस दिन संयोजक पद पर विचार के लिए वर्चुअल मीटिंग हुई थी उस दिन भी राहुल ने बीच में टोकते हुए कहा कि अगर नीतीश को संयोजक बनाना है तो ममता बनर्जी को बताना होगा। तब भी ललन सिंह काफी नाराज हुए थे और नीतीश के हाथ से माइक लेकर खूब खरी-खोटी सुनाई थी।