nayaindia Operation Lotus Jharkhand झारखंड में ऑपरेशन लोटस नहीं हुआ

झारखंड में ऑपरेशन लोटस नहीं हुआ

झारखंड ने भाजपा के आला नेताओं को बहुत सबक दिया है। वह एकमात्र राज्य लग रहा है, जहां तमाम प्रयासों के बावजूद भाजपा का ऑपरेशन लोटस कामयाब नहीं हुआ। राज्य में 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही भाजपा कांग्रेस को तोड़ने और सरकार गिराने की कोशिश में लगी है। एक बार महाराष्ट्र के लोग आए थे ऑपरेशन करने लेकिन राज खुल गया और पुलिस के पहुंचने पर सबको भागना पड़ा था। उसके बाद असम के रास्ते कांग्रेस को तोड़ने और सरकार गिराने की कोशिश हुई, जिसमें पश्चिम बंगाल पुलिस ने कांग्रेस के तीन विधायकों को 50 लाख रुपए की नकदी के साथ गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा छोटे-मोटे ऑपरेशन के प्रयास कई बार हुए। कई बार यह भी कहा गया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ही टूट जाएगी।

माना जा रहा है कि भाजपा का ऑपरेशन लोटस चल रहा था तभी हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और चम्पई सोरेन के नेता चुने जाने के 24 घंटे बाद तक राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता रोक रखा था। भाजपा के एक सांसद और दूसरे नेता लगातार कह रहे थे कि शिबू सोरेन के परिवार में कलह है। सीता सोरेन और बसंत सोरेन नहीं चाहते हैं कि कल्पना सोरेन सीएम बनें। यह भी कहा गया कि परिवार के लोग चम्पई सोरेन के भी खिलाफ हैं औ 18 विधायक उनका  समर्थन नहीं कर रहे हैं। रांची में इस बात की भी चर्चा रही कि भले कांग्रेस और जेएमएम के विधायक हैदराबाद ले जाए जा रहे हैं लेकिन वहां से भी कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा जा सकेगा। एक समय कहा जा रहा था कि कांग्रेस के 17 में से 10 विधायक तैयार हैं लेकिन आदिवासी बहुल क्षेत्रों के तीन विधायकों की वजह से ऑपरेशन लोटस सफल नहीं हो पा रहा है। कारण चाहे जो रहा हो लेकिन कई बरसों के प्रयास को कामयाबी नहीं मिली। अब कहा जा रहा है कि किसी तरह से सरकार को बहुमत साबित करने से रोकना है ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सके।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें