राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

कांग्रेस, सपा का दुश्मनों वाला बरताव

सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक राजनीतिक विवाद हुआ था लेकिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने उसे निजी दुश्मनी में बदल दिया। सपा के नेताओं ने कांग्रेस को लेकर ऐसी ऐसी बातें कही हैं, जो उसकी चिर प्रतिद्वंद्वी भाजपा के नेता भी नहीं कहते हैं। ऐसा नहीं है कि सपा के छोटे-मोटे नेताओं ने यह बात कही। सपा के सबसे बड़े नेताओं ने कांग्रेस नेताओं के ऊपर ओछी टिप्पणी की है। वाईपी सिंह पार्टी के प्रवक्ता हैं और उनको छोटा नेता मान लिया जाए तब भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के नंबर दो नेता और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कांग्रेस नेताओं के लिए अपमानजनक टिप्पणी की। वाईपी सिंह तो इतना आगे बढ़ गए कि उन्होंने राहुल गांधी को मंदबुद्धि बच्चा कहा और नानी के यहां यानी इटली चले जाने की सलाह दी। ऐसी टिप्पणी के बाद उलटे अखिलेश यादव अब कह रहे हैं कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बात की है और अब वे बात नहीं बढ़ाना चाहते हैं। उनके कहने का मतलब था कि उन्होंने कांग्रेस की माफी कबूल कर ली है।

सोचें, खुद अखिलेश यादव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को ‘चिरकुट’ नेता कहा। सोचें, अजय राय देश के सबसे बड़े राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और इस नाते उनकी एक हैसियत है। अगर निजी तौर पर कहें तो वे 2014 और 2019 में वाराणसी लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े। 2014 के चुनाव में उनको 75,614 वोट मिले थे वे अरविंद केजरीवाल के बाद तीसरे स्थान पर थे और सपा उम्मीदवार को 45 हजार वोट मिला था और वह बसपा के बाद पांचवें स्थान पर था। इसी तरह 2019 के चुनाव में सपा दूसरे स्थान पर रही उसे एक लाख 95 हजार वोट मिला पर अजय राय एक लाख 52 हजार वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। पूर्वांचल और खासकर वाराणसी में उनका बड़ा असर है और इसलिए कांग्रेस ने उनको अध्यक्ष बनाया है। अखिलेश के ऊपर राय की टिप्पणी भी अच्छी नहीं थी। उन्होंने कह दिया था कि अखिलेश अपने पिता का सम्मान नहीं करते थे। लेकिन उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली।

इसी तरह रामगोपाल यादव ने कमलनाथ के लिए कह दिया कि वे छुटभैया नेता हैं। सोचें, अगर कमलना छुटभैया नेता हैं तो रामगोपाल यादव किस श्रेणी में रखे जाएंगे? कमलनाथ सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं, कई बार केंद्रीय मंत्री बने, एक राज्य के मुख्यमंत्री रहे और अभी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और यह सब उन्होंने अपने दम पर हासिल किया। बिजनेस का साम्राज्य खड़ा किया वह अलग है। उनकी गलती थी कि उन्होंने झल्लाहट में मीडिया के सामने कह दिया कि ‘अखिलेश-वखिलेश की बात छोड़िए’। यह बात इतनी बुरी लगी कि सपा नेता कमलनाथ को छुटभैया नेता बताने  लगे।

Tags :

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें