राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

राहुल की लंदन यात्रा से क्या एजेंडा सधेगा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा छोड़ कर पांच दिन के लिए लंदन की यात्रा (London Visit) पर जा रहे हैं। अभी उन्होंने दो दिन के लिए यानी 22 और 23 फरवरी के लिए यात्रा रोकी है। इसके बाद वे 24 और 25 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यात्रा करेंगे और उसके बाद 26 फरवरी से एक मार्च तक यात्रा स्थगित रहेगी। बताया जा रहा है कि उनको कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (cambridge university) का न्योता मिला है, जिसमें उनको भाषण देना है। वे पहले भी कई बार इंग्लैंड के शिक्षण संस्थानों में लेक्चर देने जा चुके हैं। नेताओं को ऐसे कार्यक्रम में जाना चाहिए और बौद्धिक विमर्श में भी शामिल होना चाहिए क्योंकि भारतीय राजनीति से बौद्धिकता का तत्व बहुत तेजी से खत्म होता जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल है कि लोकसभा चुनाव से पहले चल रही एक अहम यात्रा के बीच राहुल क लंदन जाने से क्या कोई राजनीतिक या चुनावी एजेंडा पूरा होगा?

विपक्ष का अभियान पटना से शुरू

ध्यान रहे इस समय चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के नेताओं को चुनाव के सिवाए और कुछ नहीं दिखाई देना चाहिए। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खाड़ी के देशों की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने अबु धाबी में पहले हिंदू मंदिर (Hindu Mandir Abu Dhabi) का उद्घाटन किया। जाहिर है मंदिर का उद्घाटन उनकी राजनीति का हिस्सा है। इस बार भाजपा मंदिर के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। इसलिए मोदी की यात्रा उनके एजेंडे को मजबूत करती है। लेकिन क्या राहुल की यात्रा कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के एजेंडे को किसी तरह की मजबूती देगी? वे जाति गणना का मुद्दा बना रहे हैं, सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं, आरक्षण बढ़ाने का एजेंडे तय कर रहे हैं तो क्या उनकी इंग्लैंड यात्रा इस एजेंडे को मजबूत करने में किसी तरह से काम आने वाली है? यह समय सिर्फ चुनावी यात्रा या रैलियों का नहीं है, बल्कि गठबंधन तय करने और सीटों के बंटवारे का भी है और अपने उम्मीदवार तय करने का भी है। राहुल कांग्रेस (Congress) के सर्वोच्च नेता हैं और उनके ऊपर बड़ी जिम्मेदारियां हैं।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें