कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिस दिन से बिहार में वोटर अधिकार यात्रा शुरू की है उस दिन से हर रोज कुछ न कुछ ऐसा हो रहा है कि यात्रा की हेडलाइन नहीं बन पा रही है। लगता है कि उनकी यात्रा को ग्रहण लग गया है। हालांकि कांग्रेस के कई जानकार नेताओं का कहना है कि जान बूझकर सरकार की ओर से ऐसा किया जा रहा है, जिससे राहुल की यात्रा पर से फोकस हटे। हालांकि कांग्रेस के ही कई नेता मान रहे हैं कि राहुल की यात्रा की टाइमिंग ठीक नहीं चुनी गई। उनका कहना है कि संसद सत्र के बीच यात्रा का समय तय किया गया और ऊपर से चुनाव आयोग उप राष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीख घोषित कर चुका था। इसका नतीजा यह हुआ है कि मीडिया में उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की घोषणा और उनके नामांकन की खबरों को ज्यादा महत्व मिला।
जिस दिन राहुल गांधी की यात्रा शुरू हुई यानी रविवार, 17 अगस्त को उस दिन चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। रविवार को दोनों चुनाव आयुक्तों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी पर हमला किया और कहा कि वे एक हफ्ते के अंदर अपने आरोपों को लेकर हलफनामा दें या देश से माफी मांगें। इसके अगले दिन यानी 18 अगस्त को एनडीए ने उप राष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान कर दिया। उसके अगले दिन ‘इंडिया’ ब्लॉक के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा हुई और उसके अगले दिन यानी 20 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 दिन की हिरासत या गिरफ्तारी पर मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री को कुर्सी से हटाने का विधेयक पेश कर दिया, जिस पर खूब हंगामा हुआ। इस घटनाक्रम के चक्कर में यात्रा का पहला हफ्ता मीडिया में कोई खास असर नहीं छोड़ सका।