आजाद समाज पार्टी के नेता और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नगीना सीट के सांसद चंद्रशेखर को लग रहा था कि बहुजन समाज पार्टी और मायावती के परिवार के झगड़े से उनको मौका मिलेगा। गौरतलब है कि मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाया था, बल्कि पार्टी से भी निकाल दिया था। इसके बाद चंद्रशेखर अपने को मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर प्रदेश के दलित मतदाताओं के बीच पेश कर रहे थे। वे दावा कर रहे थे कि मायावती के अधूरे कामों को वे पूरा करेंगे। लेकिन मायावती ने उनको इरादों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने आकाश को न सिर्फ पार्टी में वापस लिया है, बल्कि चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है।
मायावती ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में पार्टी और संगठन की कमान अपने हाथ में रखी है। उनके इस कदम से दुखी होकर चंद्रशेखर ने आकाश आंनद को निशाना बनाया। उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया और साथ ही मायावती की तारीफ की। चंद्रशेखर को चिंता है कि अगर मायावती ने वापस मेहनत करके अपने सामने आकाश को उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े दलित चेहरे के तौर पर स्थापित कर दिया तो उनकी राजनीति आगे नहीं बढ़ पाएगी। वे बसपा के स्पेस में ही अपनी जगह बनाना चाहते हैं। लगता है मायावती उनका यह इरादा फेल करने में जुट गई हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के दलित समाज से आकाश आनंद का समर्थन करने की अपील की है। अपनी पार्टी के संगठन को भी उन्होंने मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है। मार्च 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव होने वाला है। उससे पहले बसपा प्रमुख मायावती अपने भतीजे आकाश को नेता के तौर पर स्थापित करेंगी।