nayaindia fake news फर्जी खबरों पर कौन लगाएगा लगाम?

फर्जी खबरों पर कौन लगाएगा लगाम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि यह बहुत गंभीर खतरा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनका भी एक वीडियो वायरल हुए, जिसमें वे गरबा गा रहे थे। उन्होंने सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज से कहा कि वे इस तरह के वीडियो के साथ चेतावनी जारी करें। लेकिन सवाल है कि अगर पार्टियों की ओर से या संगठनों की तरह से सांस्थयिक रूप से इस तरह के वीडियो और खबरों का प्रचार किया जाएगा तो उसे कैसे रोका जा सकेगा? अगर केंद्र और राज्यों में सत्तारूढ़ दलों की ओर से फर्जी खबरों का प्रचार होगा तो उसे कौन रोकेगा?

प्रधानमंत्री के चिंता जताने के एक दिन बाद ही एक ऐसी फर्जी खबर फैली, जिससे यह सवाल उठा कि इसे कौन रोकेगा? अचानक पूरे देश में सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हुई कि भारत की अर्थव्यवस्था चार खरब डॉलर की हो गई। इसका एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा था। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उसे ट्विट किया। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी ट्विट किया और देश के नंबर दो उद्योगपति गौतम अडानी ने भी ट्विट किया। हालांकि बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया। सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिए कि किसने और किस मकसद से यह प्रचार किया। इसी तरह जिस दिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हो रहे थे उस दिन बिहार में अचानक सोशल मीडिया में खबर वायरल हुई कि राज्यपाल ने आरक्षण बढ़ाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। यह खबर इतनी फैली की मुख्यधारा की मीडिया ने भी दिखाना शुरू कर दिया। बाद में पता चला कि राज्यपाल ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी है। ऐसी खबरों पर रोक लगाने का तंत्र विकसित करना होगा।

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