Monday

16-06-2025 Vol 19

वंशवाद से भाजपा की अनोखी लड़ाई!

505 Views

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी वंशवाद से अनोखे तरीके से लड़ रही है। पार्टी ने तय किया है कि किसी भी पिता-पुत्र को एक साथ टिकट नहीं दी जाएगी। यानी अगर किसी नेता को अपने बेटे या बेटी को चुनाव लड़ना है तो उन्हें अपनी सीट का त्याग करना होगा। इस सिद्धांत पर पार्टी ने अक्षरशः अमल किया है। पार्टी के बड़े नेता वी सोमन्ना अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने नहीं दी। हालांकि खुद सोमन्ना को दो जगह से टिकट दे दी। इसी तरह गोविंद करजोल अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया। आनंद सिंह भी अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे। पर पार्टी ने साफ कर दिया कि सिर्फ एक को ही टिकट मिलेगी। सो, आनंद सिंह खुद नहीं लड़ कर अपने बेटे को लड़ा रहे हैं।

लेकिन दूसरी ओर भाजपा एक ही परिवार में दो टिकट देने से परहेज भी नहीं कर रही है। पार्टी पिता-पुत्र को एक साथ टिकट नहीं दे रही है लेकिन दो भाइयों को टिकट देने में दिक्कत नहीं है। बेलगावी में बेहद मजबूत जरकिहोली परिवार में पार्टी ने दो टिकट दी है। रमेश और बालचंद्र जरकिहोली सगे भाई हैं और पार्टी ने दोनों को टिकट दिया है। रमेश जरकिहोली पहले कांग्रेस के विधायक थे लेकिन 2019 में पाला बदल कर भाजपा में आए। उनके एक भाई सतीश जरकिहोली अभी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इसी तरह बीएस येदियुरप्पा के एक बेटे बीआई राघवेंद्र सांसद हैं और दूसरे बेटे बीवाई विजयेंद्र को पार्टी ने येदियुरप्पा की पारंपरिक शिकारीपुरा सीट से टिकट दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में भाजपा ने 34 टिकटें ऐस लोगों को दी हैं, जो किसी बड़े नेता के बेटे, बेटी या भाई-भतीजा हैं।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *