nayaindia delimitation in assam असम में परिसीमन की जल्दी क्या है?

असम में परिसीमन की जल्दी क्या है?

चुनाव आयोग असम में परिसीमन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। इसके लिए चुनाव आयोग की टीम ने असम का तीन दिन का दौरा किया। इस दौरान आयोग ने एक दर्जन राजनीतिक दलों और 50 से ज्यादा सामाजिक व अन्य संगठनों के लोगों से मुलाकात की। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने चुनाव आयोग की टीम का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने कहा कि उसने परिसीमीन को लेकर कुछ सवाल उठाए थे, जिनका जवाब नहीं मिला है और राज्य के दौरे पर आई टीम ने कांग्रेस को ज्यादा समय देने की बजाय उसे भी दूसरी पार्टियों की श्रेणी में रखा और सिर्फ 15 मिनट का समय दिया गया इसलिए पार्टी ने इसका बहिष्कार किया। हालांकि कांग्रेस का बहिष्कार असली मुद्दा नहीं है। मुद्दा यह है कि जिस वजह से अभी तक असम में परिसीमन रूका रहा है, उसमें क्या बदलाव आ गया है?

सोचें, 2023 में चुनाव आयोग 2001 की जनगणना के आधार पर परिसीमन करने जा रहा है! असल में जिस समय देश के अन्य हिस्सों में लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन हो रहा था उस समय असम में परिसीमन इस आधार पर रोक दिया गया कि राज्य में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन यानी एनआरसी का काम पूरा नहीं हुआ है। सवाल है कि क्या अब एनआरसी का काम पूरा हो गया है? अभी तक एनआरसी का काम पूरा नहीं हुआ है फिर चुनाव आयोग क्यों परिसीमन करने की हड़बड़ी में है? दूसरा सवाल है कि देश के बाकी हिस्सों में अगर 2001 की जनगणना के आधार पर परिसीमन हुआ है तो जरूरी है कि असम में भी उसी के आधार पर हो? आयोग अगली जनगणना का इंतजार क्यों नहीं कर रहा है? अभी तक 2021 की जनगणना के बारे में नहीं बताया गया है कि वह कब होगी। अगर ताजा आंकड़ों के आधार पर परिसीमन हो तो बेहतर होगा। ध्यान रहे पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में परिसीमन का काम हुआ है, जिसका सभी विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है। सो, जब भी परिसीमन हो तो वस्तुनिष्ठता का ध्यान रखने की गारंटी होनी चाहिए।

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