nayaindia elections Jammu and Kashmir जम्मू कश्मीर में आराम से चुनाव होंगे?

जम्मू कश्मीर में आराम से चुनाव होंगे?

ऐसा लग रहा था कि इस साल मई या जून में जम्मू कश्मीर का चुनाव हो जाएगा। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों का परिसीमन हो गया है। सीटों को आरक्षित करने का काम भी हो गया है और उसकी अधिसूचना जारी हो गई है। उसके बाद चुनाव आयोग नए नई सीटों की भौगोलिक संरचना के हिसाब से मतदाता सूची तैयार करा ली है। मतदाता सूची के दोबारा पुनरीक्षण का काम भी पूरा हो गया है या पूरा होने वाला है। इसके बावजूद चुनाव की कोई आहट नहीं सुनाई दे रही है। सवाल है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव की घोषणा क्यों नहीं हो रही है?

पिछले दिनों भाजपा के महासचिव तरुण चुघ ने कम से कम दो बार भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे चुनाव के लिए तैयार रहें, किसी भी समय चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसी वजह से माना जा रहा था कि कर्नाटक के साथ जम्मू कश्मीर का चुनाव होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब किसी को अंदाजा नहीं है कि राज्य में विधानसभा चुनाव कब होगा। ध्यान रहे जम्मू कश्मीर में विधानसभा नवंबर 2018 में भंग हुई थी। उसके करीब एक साल बाद अनुच्छेद 370 समाप्त करके राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया। उसका बंटवारा हुआ और वह केंद्र शासित प्रदेश बन गया। इस तरह साढ़े चार से राज्य में विधानसभा नहीं है। परंतु सरकार को चुनाव कराने और लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने की जल्दी नहीं है। कहा जा रहा है कि भाजपा को यह भरोसा नहीं बन पा रहा है कि वह चुनाव जीत कर अपनी सरकार बना लेगी और हिंदू मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकेगी।

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