कांग्रेस पार्टी रायपुर में होने वाले अधिवेशन की तैयारी में जुटी है। यह संभवतः पहला मौका है, जब इतने कम समय में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता दूसरी बार मिल रहे हैं। पिछले साल उदयपुर में कांग्रेस का नवसंकल्प शिविर हुआ था, जिसके बाद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की थी और अब एक साल से भी कम समय के अंदर कांग्रेस का महाधिवेशन हो रहा है। पिछले साल मई में उदयपुर में कांग्रेस के नवसंकल्प शिविर में कई सिद्धांत तय किए गए थे जिन पर रायपुर में होने वाले अधिवेशन में मुहर लगेगी और उन्हें लागू किया जाएगा। रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव पर मुहर लगेगी।
बताया जा रहा है कि उदयपुर के नवसंकल्प शिविर की कई बातों को लागू किया जाएगा। जैसे पार्टी पदाधिकारियों के 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के युवाओं को देने का संकल्प लागू किया जा सकता है। हालांकि रायपुर अधिवेशन में पार्टी का संगठन नहीं बन रहा है पर अधिवेशन के बाद नया संगठन बनेगा, जिसमें यह सिद्धांत लागू होगा। एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत भी लागू होगा। हालांकि खड़गे खुद उसके अपवाद हैं क्योंकि पार्टी अध्यक्ष होने के साथ ही वे राज्यसभा में पार्टी के नेता भी हैं। इस तरह वे उच्च सदन में नेता विपक्ष भी हैं। उदयपुर के संकल्पों में से एक संकल्प एक परिवार एक टिकट का है। इसका अपवाद यह होगा कि पांच साल पार्टी में सक्रिय रूप से काम कर चुके दूसरे सदस्यों को टिकट मिलेगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक प्रियंका गांधी वाड्रा के बतौर महासचिव पांच साल हो जाएंगे।