उत्तर प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। लोकसभा चुनाव में अब एक साल से कम समय है और भाजपा का लक्ष्य अपनी 62 सीटों में बढ़ोतरी करने की है। पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी मिल कर लड़े थे, जिससे भाजपा की सीटें 71 से घट कर 62 रह गई थी। उसकी सहयोगी अपना दल ने दो सीटें जीती थीं। सपा को पांच और बसपा को 10 सीट मिली थी और एक सीट कांग्रेस ने जीती थी। इस बार भाजपा का लक्ष्य 2014 की तरह नतीजे हासिल करने का है। उस समय भाजपा को 71 और अपना दल को दो सीट मिली थी। सपा ने पांच और कांग्रेस ने दो सीट जीती थी। सीट बढ़ाने के लक्ष्य को ध्यान में रख कर भाजपा हर सीट पर सर्वेक्षण करा रही है।
बताया जा रहा है कि लोकसभा की हर सीट पर तीन तीन महीने में सर्वेक्षण कराया जा रहा है। पार्टी के एक जानकार नेता ने बताया कि राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है। देश की हर घटना का असर हर सीट पर पड़ता है। इसलिए पार्टी तीन महीने में सर्वेक्षण करा कर फीडबैक ले रही है। क्षेत्र में लोगों का क्या मूड है, वे किस बात से नाराज हैं या किस बात को लेकर भाजपा के प्रति उनका रवैया सकारात्मक है, इस बारे में जानकारी ली जा रही है। इसके अलावा उम्मीदवार के नाम पर भी फीडबैक लिया जा रहा है। भाजपा इस बात का भी आकलन करा रही है कि बसपा अगर बहुत आक्रामक तरीके से नहीं लड़ती है या तालमेल नहीं करती है तो भाजपा को उसका कितना फायदा होगा। इन तिमाही सर्वेक्षणों के आधार पर भाजपा योजना भी बनाएगी और उम्मीदवार भी तय करेगी।