भाजपा संगठन में जिस तरह फेरबदल की चर्चा थम गई है वैसे ही नरेंद्र मोदी की सरकार में बदलाव और विस्तार की चर्चा भी अब मीडिया से गायब है। मंत्री पद बचाने या मंत्री पद हासिल करने के लिए ज्योतिष और मंदिरों की शरण में जा रहे नेतागण अब ठंडे पड़ गए हैं। संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है और उनको लग रहा है कि प्रधानमंत्री अभी तत्काल सरकार में फेरबदल नहीं करने जा रहे हैं। संसद सत्र में हिस्सा ले रहे नेताओं से इस बारे में पूछे जाने पर उनका पलट के सवाल होता है कि इसकी जरूरत क्या है? हालांकि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए फेरबदल की जरूरत है, यह बात पार्टी के नेता भी मान रहे हैं। लेकिन सवाल है कि वह फेरबदल कब होगी?
क्या संसद के बजट सत्र का पहला चरण 10 अप्रैल को समाप्त होगा और उसके बाद 13 मार्च तक अवकाश रहेगा उस बीच सरकार में फेरबदल होगी? यह मुश्किल लग रहा है क्योंकि इस एक महीने के अवकाश में सभी मंत्रालयों के बजट और अनुदान मांगों पर विचार विमर्श होता है। इन मंत्रालयों की संसद की स्थायी समिति में विचार होता है। ऐसे समय में मंत्री बदलने से कामकाज भी प्रभावित होगा और संदेश भी अच्छा नहीं जाएगा। तभी अब कहा जा रहा है कि छह अप्रैल को बजट सत्र समाप्त होने के बाद फेरबदल होगी। छह अप्रैल से लेकर 30 मई के बीच जब मोदी सरकार के चार साल पूरे होंगे, मंत्रिमंडल में बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है। पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद यानी 18 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने यानी 31 जनवरी के बीच बदलाव की चर्चा थी। अब छह अप्रैल से 30 मई के बीच बदलाव का अनुमान है। ध्यान रहे अभी तक नरेंद्र मोदी ने अपनी दूसरी सरकार में सिर्फ एक बार, जुलाई 2021 में फेरबदल की थी।