nayaindia UP Police यूपी में फिर कामचलाऊ पुलिस प्रमुख

यूपी में फिर कामचलाऊ पुलिस प्रमुख

ऐसा लग रहा है कि कामचलाऊ या ठेके पर रखे गए अधिकारियों के सहारे प्रशासन चलाने का केंद्र सरकार का फॉर्मूला उत्तर प्रदेश सरकार को भी पसंद आ रहा है। ध्यान रहे केंद्र सरकार ज्यादातर शीर्ष व संवेदनशील पदों पर रिटायर अधिकारियों को कांट्रैक्ट पर रख कर काम चला रही है। ताजा मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा देखने वाली एजेंसी एसपीजी के प्रमुख का है। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण कुमार सिंह को रिटायर होने से एक दिन पहले कांट्रैक्ट पर एसपीजी प्रमुख नियुक्त किया गया है। बहरहाल, इसी फॉर्मूले पर काम करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पिछले काफी समय से पूर्णकालिक पुलिस महानिदेशक नहीं नियुक्त कर रही है। लगातार तीसरी बार उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है। सोचें, इनकाउंटर के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश पुलिस कामचलाऊ प्रमुख से काम चला रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। उनके पास डीजी क्राइम और डीजी विजिलेंस का प्रभार था। अब इन दोनों विभागों के साथ साथ वे राज्य के पुलिस प्रमुख की भूमिका भी निभाएंगे। वे जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। उनसे पहले इसी साल मार्च में राजकुमार विश्वकर्मा को पुलिस महानिदेशक बनाया गया था। विश्वकर्मा से पहले पिछले साल मई में देवेंद्र सिंह चौहान को उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था। वे करीब 11 महीने पद पर रहे थे। पुलिस और प्रशासन में इस तदर्थ व्यवस्था से कामकाज पर क्या असर होता है उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन कहा जा रहा है कि अधिकारी भी इससे खुश नहीं हैं।

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