कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान को सुलझाने का प्रयास किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी सोमवार को दोनों नेताओं से अलग अलग भी मिले और एक साथ भी मिले। उसके बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों ने सुलह का फॉर्मूला तय करने का काम पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। अब सवाल है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल क्या फॉर्मूला बनाएंगे? कांग्रेस आलाकमान के कोई फैसला करने से पहले ही मीडिया और सोशल मीडिया में फॉर्मूले की चर्चा होने लगी है। लेकिन क्या वही फॉर्मूला होगा या पायलट के प्रति अतिशय उदार मीडिया ने अपनी ओर से यह बना दिया है?
कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान पायलट को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बना सकता है और उनके प्रति निष्ठावान किसी विधायक को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। पता नहीं इस फॉर्मूले पर विचार भी हो रहा है या नहीं है और अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है कि गहलोत उसे मानेंगे या नहीं लेकिन उससे पहले मार्केट में यह फॉर्मूला उछाल दिया गया है। हालांकि दिल्ली में यह बैठक होने से पहले गहलोत ने कह दिया था कि कांग्रेस आलाकमान मजबूत है और किसी को मनाने के लिए पद का प्रस्ताव देने की परंपरा कांग्रेस में नहीं है। इसका मतलब है कि वे यथास्थिति रखते हुए चुनाव में जाना चाहते हैं। इसलिए कांग्रेस आलाकमान को कोई भी प्रस्ताव बहुत सोच-समझ कर पेश करना होगा।