कांग्रेस के पास सचमुच फिदायीन किस्म के अनेक लोग हैं, जो कहीं भी अपना और पार्टी का नुकसान कर सकते हैं। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैनिक तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ की मौत पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जो ट्विट किया है वह कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला है। सोचें, जनरल मुशर्रफ की मौत पर उनके अपने देश में किसी ने शोक नहीं जताया है। इक्का दुक्का पूर्व सैन्य अधिकारियों को छोड़ दें तो ज्यादातर लोगों ने मरने के बाद भी मुशर्रफ की आलोचना की। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी जनरल मुशर्रफ की मौत की सूचना भर दी उन्होंने भी कोई श्रद्धांजलि नहीं दी।
लेकिन शशि थरूर ने ट्विट करके न सिर्फ जनरल मुशर्रफ की मौत पर श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनको शांति का सच्चा दूत कहा। थरूर ने कहा कि वे बाद में शांति बहाली चाहने वाली सबसे बडी ताकत बन गए थे। सोचें, मुशर्रफ के माथे पर कितने दाग हैं। उन्होंने पाकिस्तान में मजबूत हो रहे लोकतंत्र को उखाड़ दिया था। चुनी हुई सरकार सैनिक ताकत से तख्तापलट करके तानाशाह बन गए थे। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख के तौर पर उन्होंने कारगिल का अभियान किया था, जिसमें भारत के चार सौ से ज्यादा सैनिक शहीद हुए थे। जब उस समय के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल युद्विराम का समझौता किया तो मुशर्रफ इतने नाराज हो गए कि उन्होंने तख्तापलट कर दिया। ऐसा व्यक्ति बाद में क्या बदल जाएगा? लेकिन उनको शांति चाहने वाला बता कर थरूर ने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाला है। हैरानी नहीं है कि थरूर की तरह का दूसरा ट्विट पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती का रहा।