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कुमार विश्वास विधान परिषद में क्यों जाएंगे?

हिंदी के जाने माने कवि और राम कथावाचक कुमार विश्वास की राजनीतिक महत्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं है। वे खुल कर राजनीति कर चुके हैं। वे आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से थे और उन्होंने अमेठी से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। उनको उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी को पहला मौका मिलेगा तो उनको राज्यसभा की सीट मिलेगी लेकिन उससे पहले ही पार्टी के अंदर ऐसी स्थितियां पैदा कर दी गईं कि वे पार्टी से बाहर हो गए। उसके बाद से ही उनका प्रयास राज्यसभा की सीट का है। अब कहा जा रहा है कि भाजपा उनको राज्यसभा की सीट तो नहीं देगी लेकिन उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बना सकती है।

अब सवाल है कि वे क्या विधान परिषद की एक सीट के लिए भाजपा में शामिल होंगे? अभी वे खुल कर भाजपा और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों को निशाना बनाते हैं। उनका रूझान भाजपा की ओर है और वे हिंदू राष्ट्रवादी विचारों के हैं लेकिन वे भाजपा की सरकारों को भी निशाना बनाते रहे हैं। अगर वे भाजपा के साथ जुड़ते हैं तो यह भाजपा की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। लेकिन कुमार विश्वास का कद छोटा होगा। तभी उनके करीबी इस संभावना से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि राज्यसभा में भी मनोनीत कोटे की दो सीटें खाली हैं। अगर भाजपा को उनकी जरूरत है तो राज्यसभा में मनोनीत कर दे। बहरहाल, उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की पांच सीटें पर चुनाव होना है, जिसमें एक सीट मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी को दिए जाने की चर्चा है।

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