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28-06-2025 Vol 19

IPL में आया ट्विस्ट: शिखर धवन vs बाबा बागेश्वर, धीरेंद्र शास्त्री बने ‘क्रिकेट के चमत्कारी संत’!

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भारत के पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन हाल ही में अपने निजी जीवन और धार्मिक गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने अपने नए रिलेशनशिप को लेकर भी चर्चा पैदा की थी, और अब वे एक और कारण से खबरों में हैं। शिखर धवन को बुधवार को बागेश्वर धाम सरकार, धीरेंद्र शास्त्री के साथ क्रिकेट खेलते हुए देखा गया।

इस खास पल का वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया, जिसमें दोनों क्रिकेट का आनंद लेते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो दर्शाता है कि शिखर धवन का जीवन सिर्फ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह आध्यात्मिकता में भी गहरी रुचि रखते हैं।

दरअसल, शिखर धवन हाल ही में मुंबई में एक आध्यात्मिक समागम में भाग लेने पहुंचे थे। इस समागम में बागेश्वर धाम सरकार, धीरेंद्र शास्त्री भी मौजूद थे, जो कि अपनी धार्मिक शरणार्थियों और भक्तों के बीच लोकप्रियता रखते हैं।

इस दौरान शिखर धवन और धीरेंद्र शास्त्री जी के बीच एक अच्छा समय बिताते हुए क्रिकेट खेलते हुए देखा गया, जो एक अनोखा दृश्य था। यह घटना शिखर धवन के जीवन के एक और पहलू को उजागर करती है, जहां वह अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा को भी साझा करते हैं।

इसके अलावा, शिखर धवन को हाल ही में अपनी रूमर्ड गर्लफ्रेंड सोफी शाइन के साथ बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री के आशीर्वाद के लिए भी देखा गया था। यह दृश्य सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। शिखर धवन अक्सर आध्यात्मिकता और जीवन के गहरे पहलुओं पर अपने विचार साझा करते रहते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि आध्यात्म के माध्यम से ही वे अपने बेटे जोरावर से मिलते हैं, जिन्हें वे अपनी पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक के बाद काफी समय से नहीं मिल पाए हैं।

शिखर धवन का यह आध्यात्मिक रुझान उनके व्यक्तिगत जीवन के संघर्षों को दर्शाता है और यह भी साबित करता है कि जीवन में केवल क्रिकेट ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन भी महत्वपूर्ण होता है।

 

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धीरेंद्र शास्त्री की फैंस ने की जमकर तारीफ

शिखर धवन, भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज, ने अगस्त 2024 में अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया था। इसके बाद से उनकी नई दिशा, आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की खबरों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है।

जहां एक ओर उनके फैंस उनके इस फैसले की सराहना कर रहे हैं और उन्हें अपने जीवन के अगले अध्याय में शुभकामनाएं दे रहे हैं,(धीरेंद्र शास्त्री)  वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आध्यात्म की राह पर चलने को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं और उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं।

शिखर धवन के फैंस उन्हें एक सशक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में देखते हैं। उनके क्रिकेट करियर में शानदार प्रदर्शन, मैदान पर उनकी शारीरिक और मानसिक मजबूती, और टीम के प्रति उनका समर्पण हमेशा प्रशंसा का विषय रहा है।

अब जब वे आध्यात्म की ओर अग्रसर हो रहे हैं, तो कई लोग इसे एक समझदारी और आत्मिक शांति की खोज मानते हैं। फैंस का कहना है कि एक खिलाड़ी के रूप में धवन ने जो योगदान दिया है, वह हमेशा याद रखा जाएगा, और अब उनका यह निर्णय जीवन के अगले चरण में संतुलन और शांति की ओर बढ़ने का एक कदम प्रतीत होता है।

हालांकि, कुछ आलोचक यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह कदम सच में सही है, (धीरेंद्र शास्त्री) खासकर जब उनके पास क्रिकेट में और भी कई सालों तक खेलने का मौका था।

सोशल मीडिया पर धवन को लेकर कुछ ट्रोल्स ने मजाक उड़ाया और उन्हें आलोचना का निशाना बनाया। उनका कहना है कि क्रिकेट को छोड़ना और आध्यात्म की ओर मुड़ना केवल एक अस्थायी फैसले की तरह दिखता है।

लेकिन, इन सभी आलोचनाओं के बावजूद शिखर धवन ने हमेशा अपनी शांति बनाए रखी है और इस निर्णय को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह इस दिशा में खुद को और अपनी आत्मा को जानने की कोशिश कर रहे हैं।

उनका यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा है, (धीरेंद्र शास्त्री) बल्कि यह एक संदेश भी देता है कि इंसान को अपनी इच्छाओं और आत्मिक शांति के लिए समय निकालना चाहिए।

फैंस और ट्रोल्स के बीच इस विषय पर बहस जारी है, लेकिन यह भी सच है कि शिखर धवन ने जो भी कदम उठाया है, वह खुद के लिए है, और उनका यह बदलाव कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

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