assembly election result

  • कांग्रेस के लिए मोदी से लड़ना मुश्किल

    हिंदी पट्टी के तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजों से एक बाद साफ हो गई है कि कांग्रेस के लिए उत्तर भारत में अभी नरेंद्र मोदी से लड़ना बहुत मुश्किल है। एकाध अपवादों को छोड़ दें तो कांग्रेस नरेंद्र मोदी को सीधी लड़ाई में नहीं हरा पाती है। हिमाचल प्रदेश एक अपवाद है और कह सकते हैं कि पांच साल पहले इन तीन राज्यों में सीधी लड़ाई में कांग्रेस ने भाजपा को हराया था। लेकिन वह चुनाव अलग था। पांच साल पहले इन राज्यों में कांग्रेस की लड़ाई नरेंद्र मोदी से नहीं थी। इन राज्यों में...

  • मध्य प्रदेश नया गुजरात है

    मध्य प्रदेश भारत का नया गुजरात है। जिस तरह गुजरात में 25 साल से ज्यादा समय से लगातार भाजपा की सरकार चल रही है उसी तरह की स्थिति मध्य प्रदेश में बन गई है। पिछले 20 साल में सवा साल के कमलनाथ के राज को हटा दें तो पिछले करीब 19 साल से मध्य प्रदेश में भाजपा का राज है और अगले पांच साल के लिए उसे फिर जनादेश मिल गया है। उसे जनादेश भी ऐसा वैसा नहीं मिला है। ऐतिहासिक जनादेश मिला है। भाजपा ने 230 की विधानसभा में डेढ़ सौ से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। असल में...

  • लोगों ने क्लोन की जगह असली ब्रांड चुना

    मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजों का एक निष्कर्ष यह है कि लोग असली को पसंद करते हैं। लोगों को क्लोन या नकली माल पसंद नहीं है। हिंदुत्व की राजनीति करने वाली असली ताकत भाजपा है इसलिए उसको छोड़ कर उसकी तरह राजनीति करने वाली या उसका क्लोन बनने की कोशिश करने वाली कांग्रेस पार्टी को लोगों ने खारिज कर दिया। असल में इन दोनों राज्यों में कांग्रेस के जो नेता हैं, वो खुल कर नरम हिंदुत्व की बात कर रहे थे और वही राजनीति कर रहे थे, जो भाजपा करती है। इसके उलट कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा...

  • तीनों राज्यों में कांग्रेस का नया नेतृत्व आएगा

    हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस बुरी तरह से हारी है और इसका एक नतीजा यह होगा कि तीनों राज्यों में कांग्रेस के तमाम पुराने नेता रिटायर होंगे या रिटायर करा दिए जाएंगे। राजस्थान में अशोक गहलोत की राजनीति का पटाक्षेप हो गया है। भले उनकी कमान में कांग्रेस अच्छा लड़ी लेकिन अब उनकी राजनीति समाप्त हो गई। उनकी जगह पार्टी किसी नए नेता को आगे करेगी। हो सकता है कि जिस तरह 2018 से पहले सचिन पायलट को कमान सौंपी गई थी उसी तरह फिर से उनको कमान दी जाए। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल की...

  • विपक्ष के लिए विचारणीय

    बेशक, आज भाजपा के पास अकूत संसाधन हैं। लेकिन उसकी जीत का सिर्फ यही कारण नहीं है। बल्कि वह अपनी हिंदुत्व की राजनीति के पक्ष में इतनी ठोस गोलबंदी कर चुकी है कि चुनावों में उसे परास्त करना अति कठिन हो गया है। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों का केंद्रीय संदेश यह है कि विपक्ष के पास भारतीय जनता पार्टी की राजनीति की कोई काट नहीं है। तेलंगाना का नतीजा अपवाद है- इसलिए कि वहां सत्ता एक गैर-भाजपा पार्टी के हाथ से निकल कर दूसरी गैर-भाजपा पार्टी के हाथ में गई है। इससे राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा को...

  • तीन राज्यों में कमल खिला

    बेशक, आज भाजपा के पास अकूत संसाधन हैं। लेकिन उसकी जीत का सिर्फ यही कारण नहीं है। बल्कि वह अपनी हिंदुत्व की राजनीति के पक्ष में इतनी ठोस गोलबंदी कर चुकी है कि चुनावों में उसे परास्त करना अति कठिन हो गया है। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों का केंद्रीय संदेश यह है कि विपक्ष के पास भारतीय जनता पार्टी की राजनीति की कोई काट नहीं है। तेलंगाना का नतीजा अपवाद है- इसलिए कि वहां सत्ता एक गैर-भाजपा पार्टी के हाथ से निकल कर दूसरी गैर-भाजपा पार्टी के हाथ में गई है। इससे राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा को...

  • कई दिग्गज नेता चुनाव हारे

    बेशक, आज भाजपा के पास अकूत संसाधन हैं। लेकिन उसकी जीत का सिर्फ यही कारण नहीं है। बल्कि वह अपनी हिंदुत्व की राजनीति के पक्ष में इतनी ठोस गोलबंदी कर चुकी है कि चुनावों में उसे परास्त करना अति कठिन हो गया है। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों का केंद्रीय संदेश यह है कि विपक्ष के पास भारतीय जनता पार्टी की राजनीति की कोई काट नहीं है। तेलंगाना का नतीजा अपवाद है- इसलिए कि वहां सत्ता एक गैर-भाजपा पार्टी के हाथ से निकल कर दूसरी गैर-भाजपा पार्टी के हाथ में गई है। इससे राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा को...

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