nayaindia assembly election result मध्य प्रदेश नया गुजरात है

मध्य प्रदेश नया गुजरात है

मध्य प्रदेश भारत का नया गुजरात है। जिस तरह गुजरात में 25 साल से ज्यादा समय से लगातार भाजपा की सरकार चल रही है उसी तरह की स्थिति मध्य प्रदेश में बन गई है। पिछले 20 साल में सवा साल के कमलनाथ के राज को हटा दें तो पिछले करीब 19 साल से मध्य प्रदेश में भाजपा का राज है और अगले पांच साल के लिए उसे फिर जनादेश मिल गया है। उसे जनादेश भी ऐसा वैसा नहीं मिला है। ऐतिहासिक जनादेश मिला है। भाजपा ने 230 की विधानसभा में डेढ़ सौ से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। असल में मध्य प्रदेश पहले से गुजरात की तरह भाजपा और आरएसएस की प्रयोगशाला रही है। वहां संघ की जड़ें भी बहुत गहरी हैं और भाजपा का संगठन व नेतृत्व भी बहुत फैला हुआ है। ऊपर से मध्य प्रदेश में हिंदुत्व की जड़ें भी बहुत गहरी हैं। लोग आमतौर पर धार्मिक हैं और इसलिए भाजपा उनकी पहली पसंद है।

कांग्रेस के पास एक मौका 2018 में था, जब 15 साल के राज के बाद उसने भाजपा को रिप्लेस किया था। लगातार 15 साल के भाजपा के शासन में लोग उबे हुए थे। हालांकि तब भी लोग शिवराज सिंह चौहान या भाजपा से नाराज नहीं थे। तभी भाजपा को 40 फीसदी से ज्यादा वोट आया था। वोट के मामले में वह कांग्रेस से आगे थी। लेकिन पांच सीट ज्यादा होने की वजह से कांग्रेस ने सरकार बनाई, जो महज सवा साल में गिर गई। वह आखिरी मौका था कांग्रेस के पास। अगर उस समय उसने सत्ता बचा ली होती और पांच साल तक ढंग से काम करते तो संभव था कि हालात बदलते। लेकिन कांग्रेस ने वह मौका गंवा दिया।

गुजरात में भी कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। लेकिन जीत नहीं सकी। उसके बाद भाजपा ने अपने को और मजबूत किया। कह सकते हैं कि 2017 और 2018 गुजरात और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए मौके का साल था। अब उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मुकाबले इस बार भाजपा को आठ फीसदी वोट ज्यादा मिले हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस के सवा साल के राज ने लोगों के मन में कोई उम्मीद नहीं बंधाई थी।

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